भीलवाड़ा। सेंटर फॉर लेबर रिसर्च एंड एक्शन संस्था द्वारा संचालित हिट प्रवासी मजदूरों के बच्चों के लिए बालवाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं इस दौरान कार्यक्रम 10 भट्टों पर हेल्थ बजटिंग प्रशिक्षण का आयोजन किया गया जहां मजदूरों को हेल्थ पर बजट बनाने का प्रशिक्षण दिया गया लोगों को नशा व अन्य अनावश्यक खर्चो को छोड़कर के बच्चों व स्वयं के स्वास्थ्य पोषण व शिक्षा पर खर्च करने को कहा गया , किस तरीके से छोटी-छोटी बचत उनके लिए आवश्यक है जो उनकी बड़ी जरूरत को पूरा कर सकती हे , पेकिंग फूड उनके ओर बच्चो के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हे उनको घर की बनी वस्तुएं उपयोग में लेनी के लाभ पर चर्चा की , प्राइवेट हॉस्पिटल की जगह सरकारी हॉस्पिटल के फायदे समझाए गए। जिला समन्वयक पूजा मेघवंशी ने बताया कि मजदूरों को 15 दिन की खर्ची मिलती हे उनके 15 दिन के खर्च के अनुसार जिसमें उनके राशन की एक पर्ची बनती हे कुछ उनको रोकड़ मिलता हे जो कि सीमित होता हे ,उसे वह अपना अगली खर्ची तक चलाना होता हे , मजदूरों में ज्यादातर परिवार देखा गया कि खर्ची के दिन मिला रोकड़ पैसा आदमी आधे से ज्यादा दारू , तंबाकू , भांग जैसी नशीले सेवन में खर्च कर देते हे ओर बाजार में पेकिंग फूड जो कि स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हे उस पर खर्च होता हे। भट्ठे पर बाहरी समान बेचने वाले भी खर्ची के दिन ही आते हे कपड़े , महिला के साझ सिंगार की वस्तुएं आदि । 15 दिन में खर्च होने वाला पैसा 2 दिन के खर्ची वाले अवकाश में खत्म हो जाता हे , जिससे कि न तो ये हरी सब्जियां खरीद पाते हे न ही बच्चों की शिक्षा की आवश्यकता को पूरा कर सकते हे । मजदूरों को छोटी छोटी पोषण वाटिका लगाकर वो ताजा हरी सब्जियां पा सकते हे जो कि कुछ परिवार ने लगाना भी शुरू किया हे।भीलवाड़ा में 10 केंद्र (पवन , न्यू पवन, लक्ष्मी , शक्ति, गीता, जय श्री, जुगनू, चेतक, विनायक, प्रभु) ब्रिक्स पर प्रशिक्षण का आयोजन किया , इस प्रशिक्षण में हक फॉर चाइल्ड राइट्स से आए स्नेह भाटी ने प्रशिक्षण कर्ता के रूप में मजदूरों को जानकारी दी। व CLRA की टिम से प्रेमी गुर्जर, महावीर प्रसाद तथा फिल्ड कार्यकर्ता की भागीदारी रही ।