हाथरस में मची भगदड़ के पांच दिन के बाद ‘भोले बाबा’ के नाम से प्रचलित सूरजपाल ने पहली बार मीडिया के सामने आकर अपनी बात रखी.बातचीत के दौरान इस बाबा का अलग ही रूप देखने को मिला. बातचीत करने के लिए दौरान इस हादसे को लेकर जैसे ही रिपोर्ट ने बाबा से उसकी प्रतिक्रिया जानने के लिए माइक उसके तरफ किया तो उसने अपनी बात रखने से पहले 30 सेकेंड तक कुछ नहीं बोला. इस दौरान उसने अपनी आंखें बंद रखीं. ऐसा लग रहा था जैसे बाबा जानबूझकर ध्यान लगा रहा हो. 30 सेकेंड के बाद बाबा ने धीरे धीरे अपनी आंख खोली और उसके बाद अपनी बात रखी. बाबा ने कहा कि जो घटना दो जुलाई को हुई है उसे लेकर मेरा मन भी दुखी है.
121 मौत के 22 घंटे बाद पाखंडी बाबा ने मुंह खोला, तो एक साथ कईयों को गुनाहगार बता डाला. उसने लेटर जारी कर अपना बयान दिया है, लेकिन बाबा के इस बयान के पीछे किसका दिमाग है, ये सुनेंगे तो दंग रह जाएंगे. बाबा अपने लेटर में लिखता है मैं मृतकों के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं, घायलों के जल्दी स्वस्थ होने की कामना करता है, सच ये है कि मैं भगदड़ मचने से पहले ही वहां से निकल गया था.
समागम और सत्संग के बाद अराजकतत्वों ने जिस तरह का काम किया है, उन पर कानूनी एक्शन के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एपी सिंह को हमने आधिकारिक तौर पर अधिकृत किया है. यानी जिन एपी सिंह ने निर्भया के दोषियों का मुकदमा लड़ा. वही अब बाबा का मुकदमा लड़ेंगे. वहां मौजूद लोग कहते हैं हम बाबा के चरणों की धूल लेने जा रहे थे. इसलिए भगदड़ मचा, लेकिन बाबा बचने के लिए अब लगता है झूठ बोलने लगा.
कहा जा रहा है कि खुद सीएम योगी जब हाथरस में पीड़ितों से मिल रहे थे तो खुद को भोलेबाबा कहने वाला सूरज पाल अपने बचाव के लिए वकील ढूंढ रहा था. वरिष्ठ वकील एपी सिंह एक न्यूज चैनल से बातचीत में ये दावा करते हैं कि बाबा की कोई गलती ही नहीं है, तो सवाल है कि फिर बाबा भाग क्यों रहा है. उसकी लेटेस्ट लोकेशन पता करने में यूपी पुलिस की कई टीमें जुटी हुई हैं और जांच में यूपी पुलिस को जो पता चला है वो दंग करने वाला है, फरारी के बाद बाबा ने चार नंबर्स पर फोन मिलाए.