पुनित चपलोत
भीलवाड़ा । बहुचर्चित 3 फरवरी को सुरास में हुए गोलीकांड मामले मे एसआईटी ने उदयपुर जिले के तीन और आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि इस मामले में अब तक 6 लोग पकड़े जा चुके हैं। डीएसपी का कहना है कि आरोपितों से पूछताछ से खुलासा हुआ कि आरोपित लोकेश ने वारदात में काम ली पिस्टल सत्तू को लाकर दी थी। जबकि लोकेश को यह पिस्टल आकाश व उसके गाली ने दी थी।
डीएसपी सिटी और एसआईटी प्रभारी देशराज गुर्जर ने बताया कि सुरास निवासी भाजपा वार्डपंच राजू पुत्र देवीलाल दरोगा पर पिछले दिनों खेत जाते समय फायरिंग हुई थी। राजू को चेहरे पर गोली लगी थी। मामला मांडल पुलिस ने दर्ज किया था। उदयपुर रेंज आईजी अजयपाल लांबा ने चार फरवरी को इस मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी। डीएसपी गुर्जर ने सीधे रेंज आईजी के निर्देशन में इन्वेस्टिगेशन शुरु की। डीएसपी गुर्जर ने इस मामले में चांदपोल दरवाजे के पास भींडर, उदयपुर निवासी लोकेश 30 पुत्र रामलाल ओड, कुरावड़ उदयपुर निवासी सुनील ओड 24 पुत्र प्रभु लाल ओड व आकाश चन्देल पुत्र संतोष चन्देल को गिरफ्तार कर लिया।
डीएसपी गुर्जर ने बताया कि इसी मामले में पूर्व में सबसे पहले शंभु ओड, इसके बाद मूलतया सुरास हाल कावांखेड़ा निवासी सत्तू उर्फ सत्यनारायण पुत्र घीसा ओड व इसके भाई आजाद नगर निवासी शंकर पुत्र घीसा को गिरफ्तार कर लिया था।
*बाईक शंभू चला रहा था,सत्तू ने मारी थी गोली*
डीएसपी ने बताया कि वारदात के दिन सत्तू व शंभु ओड एक बाईक पर सवार थे। शंभु बाईक चला रहा था, जबकि सत्तू ने वार्डपंच राजू को टारगेट कर उस पर फायरिंग की थी। गोली, राजू के चेहरे पर लगी थी,
पिस्टल देने का है आरोप
डीएसपी का कहना है कि आरोपितों से पूछताछ से खुलासा हुआ कि आरोपित लोकेश ने वारदात में काम ली पिस्टल सत्तू को लाकर दी थी। जबकि लोकेश को यह पिस्टल आकाश व उसके गाली ने दी थी।
यह था मामला
मांडल थाना प्रभारी दातार सिंह ने बताया कि सुरास कस्बे के वार्ड पंच राजू पिता देवीलाल दरोगा पर पिछले दिनों फायरिंग हुई थी, जिसमें राजू के चेहरे पर गोली लगी और उसे भीलवाड़ा से उदयपुर और यहां से अहमदाबाद रेफर किया गया था। डॉक्टर ने करीब साढे 3 घंटे ऑपरेशन के बाद राजू के शरीर से गोली निकाली गई। घटना के बाद ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश था। जिला कलेक्टर कार्यालय पर जमकर विरोध प्रदर्शन भी किया गया था। मामले की जांच उदयपुर रेंज IG अजयपाल लांबा द्वारा की जा रही थी और उन्होंने इसकी जांच के लिए SIT का गठन किया था। जिसमें DSP देशराज गुर्जर को इसका इंचार्ज बनाया था।
इस मामले में भीलवाड़ा के कावाखेड़ा निवासी सत्तू उर्फ सत्यनारायण पिता घीसा और और आजाद नगर निवासी इसके भाई शंकर पिता घीसा और शंभू ओड को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। SIT अब इस मामले में तीनों आरोपियों से पूछताछ में लगी है जल्द इस मामले के खुलासा होने की उम्मीद है ।