लाखेरी में अवैध 11 क्लीनिकों पर कार्यवाही,
लाखेरी -स्मार्ट हलचल|कस्बे सहित उपखंड क्षेत्र में अवैध क्लीनिक एवं झोलाछाप डाॅक्टर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करने से बाज नही आ रहें हैं, और मरीजों से मोटा पैसा वसूल करते हैं। रविवार को उपखंड क्षेत्र सहित जिलेभर में हुई कार्यवाही से अवैध क्लीनिक एवं झोलाछाप डाॅक्टरो में हडकंप मच गया। चिकित्सा विभाग की टीम ने कस्बे में कार्यवाही करते हुए 11 अवैध क्लीनिकों को सीज किया। राजस्थान सरकार एवं चिकित्सा विभाग की सख्त हिदायतों के बाद जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बूंदी के आदेशानुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देईखेड़ा प्रभारी डॉ. नरेंद्र गुर्जर के नेतृत्व में शनिवार को ऑपरेशन ब्लैक थंडर चलाया गया। इस अभियान में देईखेड़ा सीएचसी क्षेत्र के विभिन्न गांवों में दबिश देकर 8 से अधिक अवैध निजी क्लीनिकों पर कार्रवाई की गई। टीम ने क्लीनिकों पर नोटिस चस्पा किए और वहां से दवाइयां जब्त की। कार्रवाई के दौरान कई झोला छाप चिकित्सक अपने संस्थान बंद कर फरार हो गए।
उपखंड क्षेत्र के गांवों में हुई कार्यवाही
नोताड़ा, रेबारपुरा, पचिपला, ढगारिया व लबान स्टेशन पर एक व लबान में 2 क्लिनिक संचालको समेत कुल आठ जगहों पर जब्ती कर नोटिस चस्पा किये गए है। कार्यवाही से ग्रामीण अंचल में हड़कंप मच गया। प्रभारी डॉ. गुर्जर ने बताया कि लंबे समय से अवैध क्लीनिक संचालकों की शिकायतें मिल रही थीं। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और बिना अनुमति चिकित्सा कार्य करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कस्बे में पहले भी हुई कार्यवाही, परन्तु विभाग का मुंह चिढा रहे हैं, अवैध क्लीनिक
लाखेरी कस्बे में इससे पहले भी चिकित्सा विभाग ने 2 अवैध क्लीनिक एवं झोलाछाप डाॅक्टरो पर कार्यवाही की गई थी, और नोटिस चस्पा किए गए थे। परन्तु उन पर चिकित्सा विभाग की कार्यवाही का असर नहीं होने के चलते वह निरंतर सेवाएं दे रहे हैं। आखिर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही क्यों प्रभावी नहीं हुई। क्या कस्बे में ऐसे ही झोलाछाप डाॅक्टर मरीजों की जान के साथ खेलते रहेगें एवं मोटा पैसा वसूल करते रहेंगे। प्रशासन कड़ी कार्यवाही कर आमजन को राहत प्रदान करें ताकि लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ नही हो। कस्बे में कई मेडिकल संचालक भी फर्जी तरीको से सरकारी बिल बनाकर आमजन एवं सरकार को चूना लगा रहे हैं, केवल अपना लाभ निकालने के लिए वह लोगों के साथ गलत कर रहे हैं। चिकित्सा विभाग द्वारा कस्बे सहित जिले भर में मेडिकल संचालकों की जांच करें तो सच्चाई सामने आ जाएगी।