बदनोर। ब्यावर जिले के बदनोर उपखंड कहने को तो एक पंचायत हैं लेकिन मुलभुत आवश्यकता से वँचित हैं, इस पंचायत में पानी, बिजली और अन्य मूलभूत सुविधा नदारद हैं । कस्बे के ग्रामीणों को 72 घंटे में जल सप्लाई मिलती है, जो कि पर्याप्त नहीं है। सत्यनारायण शर्मा उर्फ सतु काका और महावीर सिंह फौजी ने बताया कि पहले बदनोर में पानी की कमी थी, तब टेंकर के सहयोग से कुएँ बावड़ी संग्रहण कर पेयजल सप्लाई 72 घंटे में कि जाती थी लेकिन 2024 से तालाब पूरे भरे हुए हैं और कुएं-बावड़ी का जलस्तर भी अच्छा है, फिर भी 72 घंटे से अधिक समय में सप्लाई दी जा रही है।बार बार ग्राम पंचायत को अवगत कराने के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला। जल विभाग के कर्मचारियों से सहयोग लेकर स्थिति की गंभीरता के साथ समस्या का समाधान पंचायत बदनोर को करना चाहिए। बदनोर वासी आज भी महीने के 3 से 4 टैंकर पानी के डलवा रहे है।
इस समस्या के अलावा, कस्बे में बिजली कटौती भी एक बड़ी समस्या है। जीतेंद्र पलासिया और विजय सिंह राठौड़ ने बताया कि पहले बदनोर में कभी इतनी बिजली कटौती नहीं होती थी। परन्तु 2024 से सर्दी हो या गर्मी, आए दिन बिजली कटौती से ग्रामीणों को परेशान होना पड़ता है। उन्होंने मांग की है कि कस्बे में 132 केवी जीएसएस की स्थापना होनी चाहिए। जिससे बदनोर कस्बेवासियों और आस पास के क्षेत्र वासियों को राहत मिले।
इसके अलावा, कस्बे में तालाबों के पानी से मच्छरों के लार्वा जन्म भी एक बड़ी समस्या है, जिससे बच्चों और बुजुर्गो में मलेरिया महामारी फैलने का खतरा हो सकता है। कस्बेवासियो के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए दिनेश माली और अनील जायसवाल ने मांग की है कि जल्द ही फोगिंग करवाई जाए।


