महिमा
बिजोलिया। क्षेत्र का इकलौता रोडवेज बस स्टैंड इन दिनों बदइंतजामी, गंदगी और प्रशासनिक लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण बना हुआ है। पिछले एक महीने से शोचालयों की सफाई नहीं हुई है, जिससे उठती दुर्गंध ने यात्रियों और दुकानदारों का वहाँ बैठना तक मुश्किल कर दिया है। हैरानी की बात है कि इस सबके बावजूद नगरपालिका आंखें मूंदे बैठी है।
पूरा बस स्टैंड परिसर कचरे और गंदगी का अड्डा बन चुका है। सफाई कर्मचारी सिर्फ नाम के लिए हैं – बार-बार शिकायतों के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही। आमजन त्रस्त है, लेकिन जिम्मेदार बेपरवाह हैं।
अवैध पार्किंग ने बिगाड़ी व्यवस्था, दुकानदारों का धंधा चौपट
सरकारी दुकानों के सामने और परिसर में अवैध पार्किंग चरम पर है। बैंककर्मी और स्थानीय वाहन चालक मनमर्जी से वाहन ठोक कर चले जाते हैं। इससे जहां राहगीरों को भारी परेशानी हो रही है, वहीं दुकानदारों के व्यापार पर भी सीधा असर पड़ा है।
एक दुकानदार ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “यहाँ दुकान चलाना अब सजा भुगतने जैसा हो गया है। ग्राहक तक नहीं आ पाते, क्योंकि बाहर गाड़ियों का अंबार लगा होता है। प्रशासन को सिर्फ टैक्स चाहिए, सुविधाएँ देना उनकी जिम्मेदारी नहीं रही।”