बिजोलिया : क़स्बे के बालाजी चौराहे पर बीती बुधवार देर रात को सात फीट लंबा अजगर मिलने से लोगों में हड़कंप मच गया। आबादी क्षेत्र में अजगर आने की वन विभाग को सूचना देने के बावजूद भी वन कार्मिक नहीं पहुँचे , जिससे क़स्बावासी घबरा गए और स्थानीय स्नेक केचर दुर्गा शंकर उर्फ़ भाया लुहार को बुलाकर अजगर को पकड़ाया । स्नेक केचर लुहार ने बताया कि क़स्बे में पहली बार आबादी क्षेत्र में अजगर मिला है , वो अब तक एक हज़ार से अधिक सांप पकड़ चुके है , क़स्बे के आसपास जंगल भी नहीं है , यहाँ अजगर का पहुँचना मुश्किल है । लुहार ने बताया कि अजगर को पकड़ने के दौरान वन विभाग की टीम मोजूद नहीं थी , अजगर को पकड़ते ही कांग्रेस की पूर्व महिला ब्लॉक अध्यक्ष शोभा टाँक मौके पर आ गई और अपने पति के साथ अजगर को लेकर घर पर चली गई । इस दौरान टाँक ने अपने पुत्र अश्विन टाक के रामगढ़ विषधारी सेंचुरी के बायोलॉजिस्ट पद पर सरकारी कार्मिक होने की बात कही । वही जानकारी में सामने आया है कि पूर्व महिला अध्यक्ष का पुत्र रामगढ़ विषधारी में अस्थाई कर्मचारी है और बूंदी ज़िला क्षेत्र की परिधि में कार्यरत है लेकिन विधानसभा क्षेत्र में वन विभाग की मिलीभगत के चलते अवैध तौर पर क्षेत्रीय वन्य जीवों के रेस्क्यू मी शामिल होता है और कई जानवरो को रेस्क्यू के बाद घर पर रखता है । बुधवार रात को क़स्बे में पहली बार मिला अजगर भी टाँक के घर के नज़दीक ही रेस्क्यू किया गया है । क़स्बावासीयो का आरोप है की क़स्बे की परिधि के 8 किलोमीटर के एरिया में जंगल नहीं है , बुधवार रात को मिला अजगर टाँक के घर से ही निकला है । यहाँ दूसरे वन्यजीव मिलने की भी संभावना है । 8 फीट लंबा अजगर मिलने से हड़कंप मच गया है । बालाजी चौराहे पर मोनू ने 10 बजे अजगर को रेंगते हुए देखा तो उसके होश उड़ गए। पता चलते ही आस पास लोगों की भीड़ जमा हो गई। अजगर को देखकर लोगों में भय व्याप्त हो गया। पहले तो लोगों के समझ में ही नहीं आया कि क्या करें। वन विभाग के कार्मिको को सूचना की लेकिन कोई नहीं आया । जिसके बाद स्नेक रेस्क्यू करने वाले दुर्गाशंकर लुहार को सूचना दी। सूचना मिलते ही लुहार मौके पर पहुंच गया और सूझबुझ से अजगर को पकड़ लिया। अजगर को सुरक्षित रेस्क्यू कर थैले में रखा गया , इस दौरान पूर्व महिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं उसके पति ने अजगर को अपने घर पर ले लिया । लुहार द्वारा अजगर को सुरक्षित पकड़ लिए जाने से लोगों ने राहत की सांस ली है लेकिन रामगढ़ विषधारी सेंचुरी के के अस्थाई कार्मिक के घर के नज़दीक पहली बार अजगर मिलना लोगो के गले नहीं उतर रहा है ।
ग़ौरतलब है कि शनिवार को भी वन्य विभाग की टीम ने लक्ष्मी खेड़ा में एक खेत से अजगर का रेस्क्यू किया था , जिसमे भी टाँक शामिल था ।
इनका कहना है
अश्विन टाक का वन विभाग से कोई संबंध नहीं है , यदि वो ऐसा कर रहा है तो ग़लत है । कोई भी नुक़सान होता है तो उसकी ज़िम्मेदारी उसी की होगी । अजगर के मामले की जाँच करवाई जाएगी ।
सुरेश चौधरी
क्षेत्रीय वन अधिकारी , माण्डलगढ़
अजगर को देर रात को मैंने अश्विन टाक के घर से हैंड ओवर किया है , आज उसे क़स्बे से दूर वन क्षेत्र में छोड़ा जाएगा । वन्य जीवों के रेस्क्यू को लेकर टांक को कोई सूचना नहीं दी जाती है , वो स्वयं ही पहुँच जाता है
विमल रेगर , वनपाल बिजोलिया