Homeराष्ट्रीयअमर शहीद सुखदेव थापर के जन्मदिन के उपलक्ष में सभी खत्रियों उनके...

अमर शहीद सुखदेव थापर के जन्मदिन के उपलक्ष में सभी खत्रियों उनके जीवन पर आधारित प्रोग्राम आयोजित करने के संबंध में पत्र लिखा-अध्यक्ष खत्री महा सभा पंजाब विजय धीर एडवोकेट

राजेश कोछड़

स्मार्ट हलचल|स्वतंत्रता के लिए कई लोगों ने अपने जीवन का त्याग किया। इन सभी में जो नाम सर्वाधिक विख्यात हैं वे हैं- सुखदेव, भगत सिंह और राजगुरु। सभी को एक साथ 23 मार्च, 1931 को फांसी दी गई। सुखदेव और भगत सिंह में प्रगाढ़ दोस्ती थी और दोनों जीवन के अंतिम क्षणों तक साथ रहे। भगत सिंह की तरह बचपन से ही सुखदेव आजादी का सपना पाले हुए थे।

सुखदेव, जिनका पूरा नाम सुखदेव थापर था, का जन्म 15 मई, 1907 को पंजाब के शहर लुधियाना में हुआ था। इनके पिताजी का नाम रामलाल और माताजी का नाम श्रीमती लल्ली देवी था। पिता के देहांत के बाद इनका पालन-पोषण ताऊ अचिन्तराम ने किया। सुखदेव की ताई जी भी इन्हें अपने पुत्र की तरह प्यार करती थीं। इनके ताऊ आर्य समाज से काफी प्रभावित थे, जिसके कारण सुखदेव भी समाज सेवा व देशभक्तिपूर्ण कार्यों में आगे बढऩे लगे।

बचपन से ही सुखदेव ने ब्रिटिश राज के अत्याचारों को देखा और समझना शुरू कर दिया था, जिसके कारण इन्हें अपने देश में स्वतन्त्रता की आवश्यकता बहुत पहले ही समझ आ गई थी।

वर्ष 1919 में, जब सुखदेव महज 12 वर्ष के थे, अमृतसर के जलियांवाला बाग में भीषण नरसंहार के कारण देश में भय तथा आतंक का वातावरण बन गया तो सुखदेव के मन पर इस घटना का बहुत गहरा असर हुआ।

स्कूल के बाद इन्होंने 1922 में लाहौर के नैशनल कॉलेज में प्रवेश लिया जहां भगत सिंह से इनकी मुलाकात हुई। दोनों एक ही राह के पथिक थे, अत: शीघ्र ही परिचय गहरी दोस्ती में बदल गया।

1926 में लाहौर में ‘नौजवान भारत सभा’ का गठन हुआ। सितम्बर, 1928 में दिल्ली स्थित फिरोजशाह कोटला के खंडहर में उत्तर भारत के प्रमुख क्रांतिकारियों की एक गुप्त बैठक हुई। इसमें एक केंद्रीय समिति का निर्माण हुआ जिसका नाम ‘ङ्क्षहदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी’ रखा गया। सुखदेव को पंजाब की समिति का उत्तरदायित्व दिया गया।

ब्रिटिश सरकार के ‘साइमन कमिशन’ का पूरे भारत में विरोध हो रहा था। लाला लाजपत राय विरोध में हो रही एक रैली में अंग्रेज जेम्स स्कॉट द्वारा किए गए लाठी चार्ज के कारण गंभीर रूप से घायल हो गए और 17 नवम्बर, 1928 को उनका निधन हो गया।

सुखदेव ने भगत सिंह और राजगुरु के साथ मिल कर स्कॉट से बदला लेने के योजना बनाई। दिसम्बर, 1928 में भगत सिंह और राजगुरु ने स्कॉट की गोली मारकर हत्या करने का प्लान बनाया लेकिन गोली गलतफहमी में जे.पी. सांडर्स को लग गई।

कालान्तर में सुखदेव को इस पूरे प्रकरण के कारण लाहौर षड्यंत्र में सह-आरोपी बनाया गया। 8 अप्रैल, 1929 को भगत सिंह तथा बटुकेश्वर दत्त ने ब्रिटिश सरकार के बहरे कानों तक आवाज पहुंचाने के लिए दिल्ली में केंद्रीय सभा में बम फेंककर धमाका किया और इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए। दोनों ने वहां से भागने की कोशिश नहीं की। इसके बाद चारों ओर गिरफ्तारियों का दौर शुरू हो गया। 15 अप्रैल, 1929 को सुखदेव, किशोरी लाल तथा अन्य क्रांतिकारियों को पकड़ा गया। कोर्ट द्वारा भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। उसी समय इन पर लाहौर का भी केस चल रहा था इसलिए इन्हें लाहौर भेजा गया।
लाहौर जेल में मिलने वाले खराब भोजन और जेलर के अमानवीय व्यवहार के विरोध में कैदियों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी जो 63 दिन तक चली और उसमें क्रांतिकारी यतिंद्र नाथ दास शहीद हो गए।

अंतत: 7 अक्तूबर, 1930 को निर्णय सुनाया गया जिसमें भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 24 मार्च, 1931 को फांसी की सजा देनी तय की गई।

पंजाब के होम सैक्रेट्री ने इनकी फांसी की सजा की तिथि 23 मार्च, 1931 कर दी क्योंकि ब्रिटिश सरकार को जनता की ओर से बड़ी क्रांति का डर था। इस कारण सुखदेव, भगत सिंह और राजगुरु को निर्धारित समय से एक दिन पूर्व चुपचाप फांसी दे दी गई और इनके शवों को जेल के पीछे सतलुज के तट पर जला दिया गया।

इसकी देश भर में निंदा हुई क्योंकि तीनों को फांसी से पहले अंतिम बार अपने परिवार से भी नहीं मिलने दिया, ऐसे में देश में क्रांति और देशभक्ति का ज्वार उठना स्वाभाविक था। इस तरह सुखदेव थापर ने मात्र 24 वर्ष की आयु में अपने प्राणों की आहुति देकर देशवासियों को जो मातृभूमि पर मिटने का संदेश दिया उसके लिए सदियों तक देश उनका आभारी रहेगा। इसी उपलक्ष्य में खत्री सभा मोग की तरफ से खत्री भवन मोगा में 11 मई को मनाया जाएगा।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
news paper logo
AD dharti Putra
logo
AD dharti Putra
RELATED ARTICLES