मंडल अध्यक्ष के 16 पदों में दलितों को किया दरकिनार, एक भी दलित मंडल अध्यक्ष नही बनाया
आयतित लोगों को दिया जा रहे सम्मान से पुराने जमीनी कार्यकर्ताओं में रोष
इटावा।स्मार्ट हलचल/इटावा में भारतीय जनता पार्टी में अंदर खाने में बहुत विरोध चल रहा है भारतीय जनता पार्टी के जिम्मेदार लोग सपाइयों को तवज्जो दे रहे हैं और दागियों को पदाधिकारी बनाने में लगे हुए हैं।
भाजपा के जिला अध्यक्ष संजीव राजपूत ने अभी हाल ही में नवनियुक्त 16 मंडल अध्यक्ष की कार्यकारिणी गठित की है। उन्होंने विधानसभा जसवंतनगर क्षेत्र से सैफई मंडल अध्यक्ष असनीत यादव को बनाया है जब कि कुछ दिन पहले असनीत यादव के नाम पर उनके भाई ने एक अभियुक्त को थाने से छुड़ाने के लिए एक लाख बीस हजार की ठगी की थी। जिसमें पुलिस ने भाजपा नेता के भाई को जेल भेजा था यह बात पूरा जिला जानता है कि असनीत यादव का भाई उनके नाम पर लोगों से काम करने के लिए पैसे आता है लेकिन उसके बाद भी जानबूझकर जिला अध्यक्ष ने असनीत यादव को मंडल अध्यक्ष सैफई बनाया है।
वहीं जसवंतनगर के समाजवादी पार्टी से सभासद राजीव यादव बबलू जो कि समाजवादी पार्टी के कट्टर समर्थक हैं और पूर्व मंत्री मंत्री शिवपाल सिंह यादव के बेहद करीबी हैं। उनके भाई अजय यादव बिंदु को जिलाध्यक्ष ने पुराने जमीनी भाजपा कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर जसवंतनगर द्वितीय से मंडल अध्यक्ष बनाया है। जनपद में जसवंतनगर विधानसभा में जसवंतनगर प्रथम से प्रेम बाबू राजपूत, जसवन्त नगर द्वितीय से अजय यादव बिंदु, बसरेहर द्वितीय विजय शाक्य, सैफई से असनीत यादव, ताखा से सुदेश शर्मा, इटावा प्रथम से विवेक गुप्ता, इटावा द्वितीय अनुग्रह सेंगर, बढ़पुरा से अवनीश कटारे, बसरेहर प्रथम से नरेंद्र उपाध्याय, इकदिल से अभिषेक तिवारी, भर्थना प्रथम से ओम प्रताप बंटू गौर, भरथना द्वितीय से राजेश तिवारी, बकेवर से सुशील राजपूत, लखना से विनय चौहान, महेवा से प्रदीप तिवारी, चकरनगर से शेखर चौहान, समेत 16 नवनियुक्त मंडल अध्यक्षों की सूची जारी की है। इस सूची में किसी भी दलित को मंडल अध्यक्ष की कार्यकारिणी में शामिल नहीं किया गया है।
नये मंडल अध्यक्ष की सूची में अनुसूचित जाति के पदाधिकारियों की अनदेखी करने से भाजपा कार्यकर्ताओं में जिला अध्यक्ष के प्रति आक्रोश है। और समाजवादी पार्टी से आयतित लोगों को जिम्मेदार पदों पर बैठे जाने से भाजपा कार्यकर्ता भारी नाराज हैं।
समाजवादी पार्टी का करीबी मुकेश यादव जो कि सैफई में समाजवादी पार्टी को मजबूत करने में जुटा हुआ है और भाजपा की जड़ों में मट्ठा डालने का काम कर रहा है उसे भी लोकसभा इटावा से सह संयोजक बनाया गया था लेकिन बाद में शिकायत होने पर उसे हटा दिया गया। जिला अध्यक्ष की क्रियाकलापों को लेकर जमीनी कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश भड़क रहा है किसी भी समय भाजपा में आज का गोला फट सकता है। जमीनी भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि दागियों को व समाजवादी पार्टी से जुड़े लोगों को ही जिम्मेदारी क्यों दी जा रही है लोगों का तर्क है कि बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस, और समाजवादी पार्टी ने अपनी अपनी विचारधारा या मानसिकता से कभी समझौता नहीं किया। और जो भी पदाधिकारी नियुक्त किये हमेशा प्राथमिकता “अपने कैडर” और “वोट बैंक” को ध्यान में रखकर की। समर्पण को लेकर पदाधिकारी नियुक्त किये गए। लेकिन भाजपा की मंडल अध्यक्ष की कार्यकारिणी को देखकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ-साथ अन्य पार्टियों भी दंग हैं कि आखिर जिले में दलितों का दरकिनार क्यों किया गया। एक भी दलित को मंडल अध्यक्ष की जिम्मेदारी क्यों नहीं दी गई ??। इस मामले में जब जिला अध्यक्ष इटावा संजीव राजपूत से बात करने का प्रयास किया गया उनसे संपर्क नही हो सका।
➡️दागी असनीत यादव को बनाया गया सैफई मंडल अध्यक्ष
सैफई थाने के एक मुकदमे के आरोपी को छुड़ाने के लिए भाजपा मंडल अध्यक्ष असनीत यादव के भाई विकास यादव उर्फ पिंकी ने एक अवैध रायफल के साथ पकड़े गए व्यक्ति को थाने से छुड़ाने के लिए एक लाख बीस हजार लिए थे लेकिन भाजपा नेता का भाई अभियुक्त को छुड़ाने में नाकाम रहा था पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्त शिवाजी सिंह को जेल भेज दिया था जेल भेजे जाने के बाद विकास से एक लाख रुपये बापस मांगे गए लेकिन रुपये नही दिए तो पूर्व प्रधान मीरा देवी की तहरीर पर दर्ज मुकदमे में भाजपा नेता के भाई को जेल भेज दिया गया था और रुपये बरामद किए गए थे। यह मामला पूरे जिले में चर्चित हुआ था उसके बाद भी जिलाध्यक्ष ने असनीत यादव को पुनः मंडल अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गयी। असनीत यादव पूर्व में सपा का कार्यकर्ता भी रहा है।
➡️पूर्व कैबिनेट मंत्री के खास मुकेश यादव बने लोकसभा सहसंयोजक, पांच दिन बाद हटाये गए
जसवन्तनगर के विधायक व उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह के बेहद करीबी रहे मुकेश यादव को लोक सभा इटावा का सह संयोजक बनाया गया था लेकिन जमीनी कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते उन्हें हटा दिया गया। आपको बताते चले यह वही मुकेश यादव है जिनकी चैट उस समय सोशल मीडिया पर खूब बायरल हुई थी जब मनीष यादव पतरे भाजपा छोड़ सपा में शामिल हुए थे तो मुकेश यादव ने अपने एक करीबी से व्हाट्सएप चैट में बोला था आज कांटा खत्म हो गया टिकट मांगने वाले सपा में चले गए। तो उनके करीबी ने जबाब दिया कि अब तो आपका टिकट पक्का है तो मुकेश बोले कि अब कौन बचा है गुड्डू तीन पांच उसका नही होने देंगे वो भी स्वामी प्रसाद का चेला है। मुकेश चैट में यह भी कह रहे है कि अगर मुझे टिकट नही मिला तो हम सपा में चले जाएंगे। जिनके रोम रोम में सपा विराजमान हो, भाजपा उन्हें ही जिम्मेदारी देगी तो यह इटावा में भाजपा की जड़ों में मट्ठा तो डालेंगे ही।