शिव जांगिड़
सरकारी दर ₹266.50 के बजाय ₹340 में बिक रहा खाद, बिल तक नहीं दे रहे जिम्मेदार
स्मार्ट हलचल।लाडपुरा कस्बे की ग्राम सेवा सहकारी समिति में यूरिया और एनपीके खाद की कालाबाजारी ने किसानों को परेशान कर दिया है। बरसात के बाद फसलों की बढ़ती मांग के बीच समिति के कर्मचारी सरकारी दरों से अधिक वसूली कर रहे हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। ऊपर से बिल देने से भी इनकार कर दिया जा रहा है, बहाना बना रहे हैं कि मशीन खराब है और प्रिंट नहीं निकल रहा। किसानों ने जिला प्रशासन से पूरी जांच की मांग की है।
किसानों की बढ़ी परेशानी, अधिक दामों पर खरीदने को मजबूर
लाडपुरा निवासी हीरालाल माली ने बताया कि समिति में 45 किलो का यूरिया कट्टा, जिसकी सरकारी कीमत मात्र ₹266.50 है, उसे ₹340 में बेचा जा रहा है। इसी तरह 50 किलो का एनपीके खाद, जिसका निर्धारित मूल्य ₹1850 है, ₹2000 तक वसूला जा रहा। उन्होंने कहा, “इस साल अच्छी बारिश से खेती का रकबा बढ़ गया है, धान-मक्का और सब्जियों के लिए यूरिया व एनपीके की भारी जरूरत है। लेकिन समिति की मनमानी से कई किसान खाली हाथ लौट रहे हैं।” किसानों का आरोप है कि कर्मचारी जबरन सल्फर खाद थोप रहे हैं और बिल मांगने पर टालते हैं, कहते हैं कि प्रिंट मशीन विफल हो रही है।
ट्रैक्टर किराया भी मनमाना, पारदर्शिता की कमी
समिति को सरकार ने ट्रैक्टर भी उपलब्ध कराया है, लेकिन उसके उपयोग में भी मनमानी हो रही। बाजार में एक बीघा जोतने का रेट ₹300 है, जबकि समिति कर्मचारी ₹350 मांग रहे हैं और कम दर पर काम करने से इनकार कर देते हैं। किसानों ने चिंता जताई कि खेतों में समय पर खाद न मिलने से फसल प्रभावित हो रही है।
प्रशासन से जांच की मांग, दोषियों पर कार्रवाई हो
किसानों ने जिला प्रशासन और सहकारी विभाग से अपील की है कि ग्राम सेवा सहकारी समिति लाडपुरा की पूरी जांच कराई जाए। उन्होंने कहा, “सरकार सस्ते दरों पर खाद उपलब्ध करवाती है, लेकिन स्थानीय स्तर पर कालाबाजारी उसका उद्देश्य विफल कर रही। पारदर्शिता लाएं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।” प्रशासन ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।


