सुनेल क्षेत्र से द्वितीय सफल नेत्रदान हुआ।
धनराज भंडारी
सुनेल, शनिवार ।
स्मार्ट हलचल/झालावाड़ जिले में नेत्रदान के प्रति जागरूकता लगातार बढ़ती जा रही है और इसी जागरूकता का परिचय देते हुए सुनेल कस्बे में शनिवार को नेत्रदान के परोपकार का कार्य संपन्न हुआ है। भारत विकास परिषद के प्रांतीय नेत्रदान सहप्रभारी दिनेश गुप्ता वरिष्ठ अध्यापक ने बताया कि नेत्रदान के माध्यम से मृत्यु के बाद भी दुनिया को देखा जा सकता है और दो नेत्रहीन लोगों के जीवन को रोशन किया जा सकता है। इसी उद्देश्य से भारत विकास परिषद शाखा सुनेल में लगातार नेत्रदान जागरूकता का कार्य कर रही है एवं नेत्रदान प्रकल्प प्रभारी तूफानसिंह नागर,अध्यापक के सक्रिय सहयोग से अभी तक सुनेल में 39 नेत्रदान संकल्प पत्र भरवाए जा चुके हैं।
गुप्ता ने बताया कि शुक्रवार रात्रि को कस्बे के गल्ला व्यापारी,पूर्व व्यापार मण्डल अध्यक्ष,सुनेल व समाजसेवी चन्द्रप्रकाश चोपड़ा जैन की धर्मपत्नी सुशीला चोपड़ा का आकस्मिक निधन होने के बाद इण्डिया शाइन फाउंडेशन,कोटा के ज्योति मित्र एवम् आई बैंक एसोसियेशन ऑफ इंडिया के सदस्य कमलेश गुप्ता दलाल भवानीमंडी के द्वारा मृतक के पति चंद्रप्रकाश,देवर जैन श्वेताम्बर श्री संघ सुनेल के कैलाशचंद,पुत्र महेश एवम् पौत्र अंशुल चोपड़ा से नेत्रदान के लिए बातचीत की गई । नेत्रदान का विषय सुनेल में जन जन तक पहुंच चुका है।ऐसे में परिवार की ओर से सहज स्वीकृति प्रदान कर दी गई। इस पर भवानीमंडी निवासी नेत्रदान प्रभारी कमलेश दलाल एवम् दिनेश गुप्ता के माध्यम से शाइन इंडिया फाउंडेशन को सूचना देने पर,शाइन इंडिया फाउंडेशन के रोहित ओझा व टिंकू ओझा ने तुरंत ज्योति रथ से सुनेल पहुंचकर कोर्निया प्राप्त किया। घर पर उपस्थित सभी परिवारजनों एवं बाहर से आए हुए रिश्तेदारों के सामने नेत्रदान संपन्न हुआ। सैकड़ों की संख्या में उपस्थित सभी नगरवासियों और रिश्तेदारों ने नेत्रदान की प्रक्रिया को अच्छी तरह से देखा और जाना की नेत्रदान में किसी भी तरह की चेहरे पर विकृति नहीं आती है, इसमें केवल आंखों के ऊपर की झिल्ली जिसे कोर्निया कहा जाता है को ही लिया जाता है। इसमें पूरी आंख नहीं निकाली जाती है। यह रक्तहीन प्रक्रिया 10 मिनट में ही पूरी हो गई। आई बैंक एसोसियेशन ऑफ इंडिया के सदस्य भवानीमंडी निवासी कमलेश गुप्ता दलाल एवम शाइन इंडिया फाउंडेशन के निदेशक डॉ कुलवंत गौड़ के सहयोग से यह सुनेल क्षेत्र में द्वितीय नेत्रदान प्रक्रिया पूर्ण की गई है।
इस अवसर पर भारत विकास परिषद के नेत्रदान प्रभारी पुरषोत्तम गुप्ता,अध्यक्ष राजेंद्र गुप्ता,कोषाध्यक्ष रोहिताश सैनी,प्रदीप पालीवाल,गौरव उमट्टीया आदि सदस्यों ने श्रृद्धांजलि व्यक्त की। वही नेत्रदानी के पति चन्द्रप्रकाश चोपड़ा ने नेत्रदान प्रक्रिया में सहयोग के लिए भारत विकास परिषद शाखा सुनेल एवम् आई बैंक एसोसियेशन ऑफ इंडिया के सदस्य कमलेश गुप्ता का आभार प्रकट करते हुए कहा है कि नेत्रदान के माध्यम से उनकी पत्नि की आंखें हमेशा के लिए जीवित रहेगी। परिषद शाखा सुनेल के संगठन मंत्री दिनेश गुप्ता ने बताया कि परिवार के धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं से जुड़े हुए होने के कारण नेत्रदान प्रक्रिया के समय बड़ी संख्या में नगरवासी उपस्थित थे एवं मुक्तिधाम पर सभी ने सुशीला चोपड़ा के देवलोक गमन पर हार्दिक श्रृद्धांजलि व्यक्त की। दिनेश गुप्ता ने और आगे जानकारी देते हुए बताया कि नेत्रदान मृत्यु के बाद गर्मी में 6 घंटे तक एवं सर्दी में 10 घंटे तक संभव है। मोतियाबिंद के ऑपरेशन एवं चश्मेधारी का नेत्रदान हो सकता है एवं सामान्य सभी बीमारियों में हुई मृत्यु का नेत्रदान हो सकता है एवं इसमें मरीज को कहीं लेकर नहीं जाना होता है। परिषद शाखा सुनेल को सूचना देने पर नेत्र उत्तसरण टीम कोटा से 2 घंटे में सुनेल आ सकती है। अच्छे परिणाम के लिए टीम के आने तक मृतक की आंखों पर गीली पट्टी रखकर पलकों को बंद रखना चाहिए। नेत्रदान परोपकार का सबसे बड़ा कार्य है इसके लिए परिषद ने सभी नगरवासियों से आगे आने की अपील की है।