शाश्वत तिवारी
कोलंबो। स्मार्ट हलचल/कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र और बिहार संग्रहालय, पटना के सहयोग से यहां हैवलॉक सिटी मॉल में ‘ब्लिसफुल बिहार’ का भव्य समारोह आयोजित किया। श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त संतोष झा ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम के दौरान बिहार के कलात्मक और विभिन्न पाककला को प्रदर्शित किया गया, जहां उपस्थित लोगों को अपनी परंपराओं का एक समग्र अनुभव देखने को मिला। बिहार के दो दिग्गज कलाकारों द्वारा मधुबनी चित्रों का लाइव प्रदर्शन कार्यक्रम का एक मुख्य आकर्षण रहा। मधुबनी के रंति गांव की पद्मश्री दुलारी देवी ने अपनी जटिल कछनी शैली के चित्रों के साथ दर्शकों का दिल जीत लिया। एक और प्रतिष्ठित कलाकार, पद्मश्री शांति देवी ने बिहार की कलात्मक परंपराओं की गहराई और विविधता को दर्शाते हुए मिथिला चित्रकला की अनूठी गुदना शैली प्रदर्शित की।
उत्सव में लज़ीज़ बिहारी व्यंजनों और पेय पदार्थों की एक विशेष श्रृंखला थी, जिसमें लिट्टी चोखा, रामरुचि, बाड़ी, सत्तू पराठा, गोडिला, सकरोरी, सत्तू और ठेकुआ शामिल था। इनसे सभी उपस्थित अतिथियों को क्षेत्र के पारंपरिक व्यंजनों को चखने का मौका मिला। विभिन्न व्यंजनों से खाने-पीने के शौकीनों को अद्भुत आनंद मिला और कार्यक्रम ने सभी को सम्मोहित कर लिया। स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र के छात्रों ने बड़े उत्साह के साथ बिहार की लोक परंपराओं का प्रदर्शन करते हुए झिझिया नृत्य प्रस्तुत किया और दर्शकों को अपनी ऊर्जा और कला से मोह लिया।
इस कार्यक्रम में बिहार के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों और सांस्कृतिक विरासत की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें बिहार के विभिन्न ज़िलों के पारंपरिक हस्तशिल्प भी शामिल थे। कार्यक्रम को मैथिली भाषा में प्रस्तुत किया गया, जिससे उपस्थित लोगों को ‘ब्लिसफुल बिहार’ का आकर्षक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध अनुभव प्राप्त हुआ। इस भव्य समारोह ने बिहार की समृद्ध विरासत के सम्मान में भारत के कलाकारों, इतिहास प्रेमियों और मित्रों को एक मंच पर एकत्रित किया। इस तरह के कार्यक्रम के शानदार रंग, संगीत और कला भारत और श्रीलंका के बीच जीवंत सांस्कृतिक आदान-प्रदान में बहुमूल्य योगदान देते रहे हैं।