भीलवाड़ा । चित्तौड़ रोड़ स्थित गांधी फैक्ट्री जो वर्तमान में ब्राण्डेड फैक्ट्री के नाम पर संचालित है। उसके जमीन अलॉटमेन्ट के दस्तावेजों व औद्योगिक यूनिट को व्यवसायिक उपयोग करने व बिक्री के दौरान जीएसटी चोरी की संभावना के चलते भाजपा के पार्षद ने पत्र लिखकर केन्द्र व राज्य सरकार से जांच की मांग की है। पार्षद राजेश सिसोदिया अपने पत्र में अंकित पांच बिंदुओं को लेकर बताया की चित्तौड़ रोड़ स्थित गांधी फैक्ट्री के नाम पर औद्योगिक इकाई के संचालन के लिए पहले जमीन अलोटमेन्ट की गई थी जिस फैक्ट्री की जमीन को सरेण्डर कराया गया उसके बाद जिला प्रशासन द्वारा पुनः इसी जमीन को उन्हीं व्यक्तियों को नियम विरूद्ध जाकर ब्राण्डेड फैक्ट्री ग्लोबल लिमिटेड कंपनी के निदेशक मंडल में बसंत गांधी, लक्ष्मी लाल गांधी, पुनीता गांधी, ऐश्वर्या त्रिपाठी, और मोनिका लालवानी नाम पर अलोटमेन्ट कर दिया गया। जिसके दस्तावेजों की संबंधित एजेन्सी से जांच करवाई जानी चाहिए। क्यों कि बेसकिमती जमीन (अनुमानित राशि 50 करोड़) का राजस्व नुकसान सरकार को हुआ। जिला प्रशासन चाहता तो अलॉटमेन्ट नियमों के तहत करके यह राशि राज्य कोष में जमा करवा सकता था। इन चारो ने प्रशासन के साथ मिलीभगत कर भ्रष्टाचार किया उसकी निष्पक्ष जांच करके दोषी अधिकारियों और इन चारों व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करते हुए राजस्व की भरपाई करवाई जाये। सिसोदिया द्वारा पत्र में अंकित बिंदुओं के अनुसार भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा किया गया हो। धारा 420 अगर राजस्य चोरी धोखाधड़ी से की गई हो। धारा 468 अगर धारा 471 फर्जी दस्तावेज को असली बताकर उपयाग करना। आयकर अधिनियम, 1961 के अंतर्गत धारा 276 आयेकर की चोरी करने या कम दिखाने पर यह धारा लगती है। इसमें जान बूझकर चोरी के लिए सजा हो सकती है (3 महीने से 7 साल तक की समजा जुर्माना) जीएसटी अधिनियम, 2017 के अंतर्गतः धारा 122 अगर कोई व्यक्ति टैक्स चोरी करता है, गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट लेता है, फर्जी बिल बनाता है, तो यह धारा लागू होती है। धारा 132 जानबूझकर टैक्स चोरी करने पर गिरफ्तारी और सजा का प्रावधान है। इसमें 1 से 5 साल तक की सजा हो सकती है। सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 (Customs Act) धारा 135 तस्करी या सीमा शुल्क की चोरी के मामलों में यह धारा लागू होती है। राजस्व चोरी किस संदर्भ में हुई है आयकर, जीएसटी, सीमा शुल्क या अन्य कृ ताकि मैं आपको और सटीक जानकारी दे सकूं। यही नहीं उक्त ब्राण्डेड फैक्ट्री द्वारा कई नामचीन ब्राण्डों के उत्पादों का लेनदेन किया जाता है जो कि एक कच्ची स्लीप के आधार पर किया जाता है जिसके जरिये यह कम्पनी प्रतिदिन लाखों रूपये (प्रतिदिन अनुमानित 5 से 10 लाख रूपये की इनकम का अनुमान है जिस पर 18 प्रतिशत जीएसटी के आधार पर 1,80,000 रु. प्रतिदिन जीएसटी चौरी होने की आंशंका है) यदि इसके सालाना जीएसटी चोरी का आंकलन किया जाये तो करोड़ों का राजस्व नुकसान भारत सरकार व राज्य सरकार को पहुंचाया जा रहा है जिसकी भी सेन्ट्रल जीएसटी विभाग से जांच करवानी चाहिए। सिसोदिया ने प्रधानमंत्री मोदी, निर्मला सीतारमण, अमित शाह, राजस्व मंत्री राजस्थान सरकार, दीया कुमारी वित मंत्री राजस्थान सरकार को भी इस उक्त पांच बिंदुओं पर जांच कर कार्यवाही करने को लेकर पत्र की कोपी भेजी है।