मुकेश खटीक
मंगरोप।चित्तौड़गढ़ रोड स्थित बीएसएल फैक्ट्री में कार्यरत मजदूर छोटूलाल(35)की शुक्रवार शाम अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो जाने से शनिवार सुबह फैक्ट्री गेट पर जमकर हंगामा हुआ।परिजनों व फैक्ट्री श्रमिकों ने प्रबंधन पर बिना सूचना दिए अस्पताल में भर्ती कराने का आरोप लगाते हुए धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया।करीब चार घंटे तक फैक्ट्री गेट पर तनावपूर्ण माहौल बना रहा।जानकारी के अनुसार खैराबाद निवासी छोटूलाल पुत्र जगा सालवी पिछले लगभग 20 वर्षों से बीएसएल फैक्ट्री में लोडिंग–अनलोडिंग का कार्य कर रहा था। शुक्रवार शाम ड्यूटी के दौरान उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई।अन्य श्रमिकों ने उसे भीलवाड़ा जिला अस्पताल पहुंचाया,जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
मौत की सूचना परिजनों को देर से मिलने पर ग्रामीणों और श्रमिकों में भारी नाराज़गी फैल गई।शनिवार सुबह मृतक के परिजन, फैक्ट्री मजदूर और ग्रामीण बड़ी संख्या में फैक्ट्री गेट पर एकत्रित हो गए। परिजनों ने शव लेने से इंकार करते हुए प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की और उचित मुआवजे की मांग पर अड़े रहे।मौके पर हमीरगढ़ थाना पुलिस पहुंची और परिजनों से बातचीत कर माहौल शांत करवाने का प्रयास किया।आरोप है कि फैक्ट्री प्रबंधन ने शुरुआती तीन घंटों तक परिजनों से वार्ता नहीं की।इससे गुस्साए लोग उग्र होने लगे।स्थिति बिगड़ती देख पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को नियंत्रण में किया और वार्ता की प्रक्रिया शुरू करवाई।पुलिस की मध्यस्थता में फैक्ट्री प्रबंधन और मृतक के परिजनों के बीच लगभग एक घंटे तक वार्ता चली।अंततः प्रबंधन ने मृतक की पत्नी व तीन बच्चों(दो लड़के,एक लड़की)को आर्थिक सहायता के रूप में 14 लाख रुपये देने व छोटूलाल की सैलरी की आधी राशि पेंशन के रूप में नियमित देने पर सहमति जताई।सहमति बनने के बाद परिजनों ने धरना समाप्त कर दिया।मजदूर भी पुनः फैक्ट्री में लौटकर कार्य में जुट गए।छोटू की अचानक मौत से खैराबाद व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ गई।परिजन मौत की स्थिति स्पष्ट करने व कार्यस्थल पर सुरक्षा प्रबंधों को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं।वहीं इस मामले ने फैक्ट्रियों में कार्यरत मजदूरो की सुरक्षा व प्राथमिक चिकित्सा व्यवस्थाओं को लेकर भी चर्चा छेड़ दी है।



