हेरिटेज लुक, आमजन की सुविधा और पर्यटक सुविधाओं पर रहेगा विशेष जोर।
बूंदी- स्मार्ट हलचल|छोटी काशी के नाम से मशहूर बूंदी शहर को इको फ्रेण्डली, ग्रीन स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि आमजन और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिल सके। शहर की सूरत संवारने और आमजन को बेहतर सुविधाएं देने के लिए बजट घोषणा वर्ष 2025-26 के तहत स्मार्ट सिटी परियोजना में 60 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बुधवार को जिला कलक्टर अक्षय गोदारा ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर प्रस्तावित कार्यों का खाका तैयार करवाने के अधिकारियों को निर्देश दिए।
शहर के पुराने इलाकों को तारों के जंजाल से मुक्त करने के लिए जिला कलक्टर ने पहल की है। निरीक्षण के दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि पुराने शहर में बिजली के पोल हटाकर विद्युत लाइनों को भूमिगत किया जाएं। इससे न केवल शहर का स्वरूप निखरेगा, बल्कि संकरी गलियों में लोगों को आवाजाही में भी सुविधा मिलेगी।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर की ऐतिहासिक विरासत को भी सहेजा जाएगा। जिला कलक्टर ने तोपखाना स्कूल के जीर्णोद्धार, ऐतिहासिक दरवाजे व अन्य ऐतिहासिक इमारतों के जीर्णोद्धार के कार्यों की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि पर्यटन स्थलों को आकर्षक स्वरूप दिया जाए, ताकि यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो सकें।
जिला कलक्टर ने बताया कि 60 करोड़ की लागत से होने वाले इन कार्यों का मुख्य उद्देश्य शहर को बेहतर सुविधायुक्त और सुंदर बनाना हैं, ताकि आमजन को राहत मिले। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रस्तावित कार्यों में उन प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता दें, जिनसे शहर का ‘लुक’ अच्छा लगे और पर्यटकों को सुखद अनुभव मिले। नालियों का निर्माण व्यवस्थित तरीके से होगा ताकि जलभराव की समस्या न हो। आवश्यकतानुसार विभिन्न स्थानों पर सीसी सड़कों का निर्माण करवाया जाएगा। निरीक्षण के बाद इस सम्बन्ध में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक भी आयोजित की गयी।
इस दौरान कोटा स्मार्ट सिटी की अधीक्षण अभियंता ज्योति रानी वर्मा, नगर परिषद आयुक्त धर्मेन्द्र मीणा, अधिशाषी अभियंता एम.आर. मीणा, आरयूआईडीपी की अधिशाषी अभियंता सोनम शर्मा, जेवीवीएनएल के अधिशाषी अभियंता आर. के. बैरवा आदि मौजूद रहें।


