तीन दिन तक हाई डोज दिए जाने से बिगड़ी तबीयत, परिवार ने अस्पताल पर लापरवाही के लगाए गंभीर आरोप
बूंदी-स्मार्ट हलचल|शहर के प्रतिष्ठित माहेश्वरी चिल्ड्रन हॉस्पिटल में इलाज के दौरान छह माह की मासूम बच्ची को गलत डोज का इंजेक्शन लगाए जाने से उसकी हालत नाजुक हो गई। लगातार तीन दिन तक हाई डोज दिए जाने के बाद बच्ची की तबीयत बिगड़ती चली गई। परिजनों ने तत्काल बच्ची को कोटा के मैत्री हॉस्पिटल में भर्ती करवाया, जहां उसकी हालत अब भी गंभीर बताई जा रही है। परिजनों का कहना है कि गलत इंजेक्शन लगाने के बाद मासूम की आंखें खुली की खुली रह गईं और उसकी स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई।
परिवार का आरोप—अस्पताल प्रशासन कर रहा है दबाव’
मासूम के परिजन हेमंत त्यागी ने बताया कि बच्ची को बीते पांच दिन पहले खोजा गेट स्थित माहेश्वरी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर की पर्ची में 100 एमजी का इंजेक्शन लिखा था, लेकिन स्टाफ ने गलती से 250 एमजी की डोज तैयार कर दी। जैसे ही इंजेक्शन लगाया गया, बच्ची की तबीयत अचानक खराब हो गई। हेमंत त्यागी ने बताया कि अब अस्पताल प्रशासन यह प्रचारित कर रहा है कि परिवार ने समझौता कर लिया है, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। उन्होंने कहा, “हमने इस मामले की रिपोर्ट बूंदी कोतवाली में दी है। अगर हमारी बच्ची को कुछ भी होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी माहेश्वरी चिल्ड्रन हॉस्पिटल प्रशासन की होगी।”
डॉक्टर ने स्वीकार की स्टाफ की गलती
मामले में हॉस्पिटल के संचालक डॉ. वी.एन. माहेश्वरी ने भी स्वीकार किया कि गलती स्टाफ की लापरवाही से हुई है। उन्होंने कहा कि हमारी पर्ची में 100 एमजी लिखा गया था, लेकिन स्टाफ की गलती से 250 एमजी का इंजेक्शन लगाया गया। मामले की जांच की जा रही है और संबंधित कर्मियों पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
दूसरे परिवार ने भी लगाया लापरवाही का आरोप
हेमंत त्यागी ने बताया कि उन्हें एक और परिवार मिला है, जिसका बच्चा भी इसी अस्पताल की लापरवाही के कारण कोटा में भर्ती है। दोनों परिवारों ने चिकित्सा विभाग से अस्पताल की कार्यप्रणाली की जांच करवाने की मांग की है।
मेडिकल स्टोर पर भी नियमों की अनदेखी
सूत्रों के अनुसार, अस्पताल परिसर में स्थित किरण मेडिकल स्टोर के संचालन में भी कई अनियमितताएँ सामने आई हैं। बताया गया है कि मेडिकल स्टोर पर प्रशिक्षित स्टाफ या फार्मासिस्ट मौजूद नहीं था। इससे यह स्पष्ट होता है कि चिकित्सा मानकों की गंभीर अनदेखी की जा रही है।
परिजन बोले—भगवान की कृपा रही कि समय पर गलती पकड़ में आ गई
परिजनों ने कहा कि यदि समय पर गलती पकड़ में नहीं आती तो बच्ची की जान भी जा सकती थी। उन्होंने कहा कि एक छह माह की बच्ची के शरीर पर इतना भारी डोज देना जानलेवा साबित हो सकता था। उसके अंग डैमेज हो सकते थे, यह तो भगवान की कृपा रही कि समय रहते हमे गलती का पता चल गया।
फिलहाल बच्ची की हालत गंभीरओर स्थित है
फिलहाल मासूम को कोटा के मैत्री हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है, जहां डॉक्टरों की निगरानी में उसका उपचार जारी है। परिवारजन बच्ची के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं। बच्ची की लगातार आंखें खुली हुई है वह बंद नहीं कर पा रही है।


