जयपुर: कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ दलित नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सरदार बूटा सिंह का आज लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. बूटा सिंह 86 वर्ष के थे तथा काफी देर से बीमार चल रहे थे. करीब तीन महीने पहले उन्हें Aiims में भी भर्ती करवाया गया था. परिवार में वह अपने पीछे दो पुत्र तथा एक बेटी छोड़ गए हैं. बूटा सिंह जालोर से 4 बार सांसद रहे हैं. ऐसे में प्रदेशभर के कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है.
Buta Singh कांग्रेस सरकार के दौरान कई अहम पदों पर रहे:
पंजाब के जालंधर में पैदा हुए Buta Singh कांग्रेस सरकार के दौरान कई अहम पदों पर रहे. रेल मंत्री से लेकर गृह मंत्री के साथ साथ कृषि मंत्री तथा बिहार के राज्यपाल और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण विभागों का संचालन किया. बूटा सिंह आठ बार लोकसभा के लिए चुने गए.
नेहरू-गांधी परिवार के विश्वासपात्र रहे सरदार बूटा सिंह:
नेहरू-गांधी परिवार के विश्वासपात्र रहे सरदार बूटा सिंह की मृत्यु को कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ी क्षति के रूप में देखा जाता है क्यूंकि ऐसे समय में जब वह राष्ट्रीय राजनीति में जीवित रहने के लिए जूझ रही है तो उस मौके पर पार्टी के सब से बड़े दलित नेता का जाना एक बहुत बड़ी कमी है. बूटा सिंह ने कांग्रेस पार्टी को दोबारा ट्रैक पर लाने के लिए 70-80 के दशक में काफी मेहनत की थी.
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