समर्थ कुमार सक्सेना
लखनऊ।स्मार्ट हलचल/अवैध रूप से डेरी संचालन करने पर हटाई गयीं अवैध डेरी नगर आयुक्त के निर्देशानुसार दिंनाक 12-8-24 को थाना आशियाना जोन 8 अंतर्गत औरंगाबाद जागीर तथा रत्नखंड में नगर निगम द्वारा कार्यवाही करते हुए अवैध डेरी हटाने का अभियान पुलिस बल, प्रवर्तन दल तथा कैटल कैचिंग कर्मचारियों के सहयोग से पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा के नेतृत्व में चलाया गया जिसमे मौके पर कुल 16गाय 2 भैंस को पकड़कर नगर निगम द्वारा संचालित ऐशबाग़ स्थिति कांजी हाउस में निरुद्ध किया गया, जिन्हे नियमानुसार कार्यवाही के बाद ही रिहा किया जायेगा। अवैध डेयरीयाँ पुर्नस्थापित ना हो हो इस हेतु उच्च न्यायलय के आदेशानुसार नगर निगम की तरफ से सम्बंधित पुलिस उपायुक्त को पत्र भी प्रेषित किया जायेगा। अभियान के दौरान विरोध हुआ जिसे पुलिस बल द्वारा शांत करवाया गया। अवैध डेरी संचालकों द्वारा पशुओ को मुख्य मार्ग तथा खाली प्लॉट पर अधिक संख्या में गाय, भैंस बाँध कर अतिक्रमण किया गया था,तथा गोबर सडक पर बहाया जा रहा था जिससे मुख्य मार्ग बाधित हो रहा था और आवागमन प्रभावित होने के साथ साथ कई प्रकार की बीमारियों का खतरा बना हुआ था जिससे स्थानीय लोगों का चलना दुश्वार हों गया था, जिसको लेकर उनके द्वारा नगर निगम में शिकायत दर्ज़ कराई गयी थी। अवैध तथा अनियंत्रित पशुपालन के कारण नालियां चोक हो रही थी तथा कई जनसूचना अधिकार, तथा IGRS के तहत कार्यवाही भी लंबित थी और चेतावनी तथा नोटिस देने के बाद भी डेरी संचालकों द्वारा डेरी नहीं हटाई गयी थी।
उच्च न्यायलय के आदेशानुसार नगर निगम आवासीय क्षेत्रों में डेरी व्यवसाय की अनुमति नहीं है।
नगर निगम लखनऊ द्वारा अधिकतम दो गाय लाइसेंस के साथ पालने की अनुमति है। नगर निगम अधिनियम 1959 के अनुसार भैंस को अपदूषण कारक पशु माना गया है अतः नगर निगम लखनऊ द्वारा भैंस पालने की अनुमति नहीं दी जाती है।