(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
लखनऊ।स्मार्ट हलचल|यूपी के बागपत में शुक्रवार की सुबह नेशनल हाईवे पर एक दर्दनाक हादसा हो गया। डौला गांव के किसान सब्जियों से लदे कैंटर में सवार होकर दिल्ली की आजादपुर मंडी जा रहे थे कि अचानक रास्ते में मौत ने उन्हें घेर लिया। मीतली के इंटर कॉलेज के पास जैसे ही कैंटर गुज़रा, उसका आगे का टायर फट गया और देखते ही देखते गाड़ी बेकाबू होकर पलट गई। पल भर में चीख-पुकार मच गई और सब्जियों के साथ इंसान भी सड़क पर बिखर गए।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसा इतना भयंकर था कि कैंटर के नीचे दबे किसानों को निकालने के लिए लोगों को ट्रक के चारों ओर जुटना पड़ा। किसी ने पुलिस को फोन किया, तो किसी ने घायलों को बाहर निकालने की कोशिश की। लेकिन तब तक तीन किसानों – जान मोहम्मद, अशफाक और रज्जू की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो चुकी थी। चार अन्य किसान गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें आनन-फानन में पास के निजी अस्पताल ले जाया गया। उनमें से एक की हालत नाज़ुक बताई जा रही है, जिसे मेरठ रेफर कर दिया गया।
हादसे के बाद कुछ देर के लिए नेशनल हाईवे पर अफरातफरी मच गई। सब्जियों की बोरी, टूटे ड्रम और बिखरे टमाटर-पत्तागोभी सड़क पर फैले थे। ट्रैफिक कई किलोमीटर तक जाम हो गया। पुलिस ने पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया और जेसीबी बुलाकर कैंटर को सीधा करवाया। लगभग एक घंटे बाद यातायात बहाल हुआ, लेकिन तब तक सड़क खून और सब्जियों से लथपथ हो चुकी थी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हादसे की मुख्य वजह टायर फटना और तेज़ रफ्तार मानी जा रही है। फिलहाल शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और परिजनों को सूचना दे दी गई है। जैसे ही यह खबर डौला गांव पहुंची, पूरे गांव में कोहराम मच गया। घरों में रोने-बिलखने की आवाज़ें गूंजने लगीं।
मृतक किसान छोटे-छोटे खेतों में मेहनत कर सब्जियां उगाकर परिवार का पेट पालते थे। हर सुबह वे सब्जियों की बोरियां लादकर दिल्ली जाते थे, ताकि मंडी में बेचकर दो वक्त की रोटी जुटा सकें। मगर आज का दिन उनके लिए मौत लेकर आया। गांव के लोग एक-दूसरे से यही कहते सुने गए – “कल तक जो हंस रहे थे, आज मिट्टी में मिल गए…”
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सड़क हादसों का ब्लैक स्पॉट बन चुकी है। आए दिन यहां वाहन पलटने की घटनाएं होती हैं। प्रशासन से बार-बार मांग के बावजूद इस मोड़ पर कोई चेतावनी बोर्ड या स्पीड ब्रेकर नहीं लगाया गया। हादसे के बाद लोगों ने मुआवज़े और सुरक्षा उपायों की मांग की है।
इस हादसे ने न केवल चार परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है, बल्कि यह भी याद दिला गया है कि सड़कों पर जरा-सी लापरवाही ज़िंदगी का आखिरी सफर साबित हो सकती है।
एक पल में रुक गई जिंदगी और सब्जी लेकर दिल्ली जा रहे किसान सदा के लिए थम गए।


