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गाड़िया लोहार के यूवाओं ने मनाया प्रतिज्ञा मुक्ति दिवस

गाड़िया लोहार के यूवाओं ने मनाया प्रतिज्ञा मुक्ति दिवस

स्मार्ट हलचल,पाली। गाड़िया लोहार समाज के युवाओं ने महाराणा प्रताप जन्मस्थली जूनी कचहरी महाराणा प्रताप प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर गाड़िया लोहार समाज ने शौर्य प्रतिज्ञा मुक्ति दिवस मनाया। प्रदेश मीडिया प्रभारी धनराज लोहार रोहट ने बताया की जब चित्तोड़ मुगलों के अधीन हुआ तब गाड़िया लोहार जाती ने प्रण लिया की जब तक चित्तौड़ स्वतन्त्र नहीं होगा तब तक वह चितौड़गढ़ के लिए स्वतंत्र करने के लिए सहयोग देते रहेगे इस तरह महाराणा प्रताप के साथी और साक्षी रहकर पांच प्रतिज्ञा ली थीं जो निम्न प्रकार की थीं।
1.बस्ती या जंगल कहीं भी पक्का घर बनाकर नहीं रहेंगे
2.खाट पर नहीं सोयेंगे
3. चित्तौड़गढ़ किले पर नहीं चढेंगे
4. दीपक नहीं जलाएंगे
5.पानी खींचने का रस्सा नहीं रखेंगे
और इन्ही प्रतिज्ञा का पालन करते हुए गाड़िया लोहार जाति ने महाराणा प्रताप के साथ चितोड़ की स्वतंत्रता के लिया संघर्ष करते रहे |
6 अप्रैल 1955 को मेवाड़ में महाराणा प्रताप के साथ जंग लडने वाले गाडिया लौहारों की 400 साल पहले की प्रतिज्ञा तुडवाने के लिए मेवाड़ प्रजामंडल के नेता माणिक्यालाल वर्मा ने देश के प्रधानमंत्री नेहरूजी को पत्र लिखा था।
और फिर देशभर में घुमक्कड जीवन जी रहे गाडिया लौहारों तक संदेश भेजकर यहां एकत्र किया गया। उनको मुश्किल से यह समझाया गया कि वे आजादी के जिस संकल्प के साथ कठोर जीवन यापन कर रहे, वो पूरा हो चुका है। अब आपका चित्तौड़ भी आजाद है। नेहरूजी चाहते थे कि इनका दुर्ग प्रवेश बहुत भव्य हो। उन्होंने अपना कार्यक्रम तय करने के साथ ही निर्देश दिए कि किले के हर दरवाजे पर एक मुख्यमंत्री अगवानी में खड़े रहे। सम्मेलन में हजारों समाज बंधु साक्षी बने थे। प्रधानमंत्री नेहरूजी के साथ राजस्थान के सीएम मोहनलाल सुखाडिया सहित सभी प्रमुख नेता व मेवाड़ के महाराणा भी मौजूद रहे। देशभर से आए इन गाडियालौहारों के स्वागत में 8 अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी आए। कार्यक्रम में प्रदेश
मंत्री धनराज मेवचा पाली , सामाजिक कार्यकता , अशोक चौहान, भलाराम नान्दी, प्रेमचंद राठौड़, दिनेश चौहान , विक्रम वाघेला उपस्थित थे |

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