इटावा । स्मार्ट हलचल|अलग अलग ग्राम पंचायतो मे फ़र्जी दस्ताबेजो के सहारे परिवार रजिस्टर मे नाम दर्ज करवा कर ग्राम प्रधान बनने एंव कूटरचित दस्तावेज़ के सहारे एक ग्राम पंचायत मे ग्राम प्रधान होने के बाद भी धोखाधडी कर दूसरी ग्राम पंचायत मे अपना परिवार दर्ज कराने के मामले में पिता पुत्र भाई वहन पति पत्नी सहित ग्यारह लोगो पर धोखाधडी व जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया है जिनमे दो पंचायत सचिव चार बीएलओ एंव दो ग्राम प्रधान व एक पूर्व प्रधान शामिल है आरोप है कि वर्ष 2021 मे हुए पंचायत चुनाव मे पिता पुत्र और बेटी अलग अलग तीन ग्राम पंचायतों से चुनाव लड़े थे पूरे मामले मे भाजपा के मंडल अध्यक्ष ने जगह जगह शिकायते की थी उनकी ही तहरीर पर ऊसराहार पुलिस ने अब मुकदमा दर्ज किया है पूरे परिवार पर फ़र्जी तरीके से अलग अलग ग्राम पंचायतो मे समय समय पर परिवार रजिस्टर मे नाम दर्ज कराने का आरोप है
विकास खण्ड ताखा की कुदरैल ग्राम पंचायत से अब नया मामला सामने आया है कुदरैल ग्राम पंचायत मे जिलेदार सिंह ग्राम प्रधान है उनके पुत्र संजीव नगरिया खनाबांध से ग्राम प्रधान है कुछ दिन पहले ही संजीव कुमार ने भी अपना नाम कुदरैल ग्राम पंचायत मे दर्ज करा लिया जबकि वह बर्तमान मे दूसरी ग्राम पंचायत से ग्राम प्रधान थे संजीव के नाम दर्ज होने पर शिकायतों का दौर शुरू हुआ कई जांचे हुई जांच के बाद संजीव कुमार का नाम कुदरैल ग्राम पंचायत से काट दिया गया जिसके बाद कुदरैल ग्राम पंचायत मे रहने वाले भाजपा मंडल अध्यक्ष दीपक नंदन जाटव ने एसएसपी ब्रजेश कुमार को तहरीर देकर मुकद्मा दर्ज कराने की मांग की सोमवार को ऊसराहार पुलिस ने कुदरैल के ग्राम प्रधान जिलेदार सिंह उनकी पत्नी रामवेटी उनके पुत्र नगरिया खनाबांध के ग्राम प्रधान संजीव कुमार व उनकी पत्नी एंव हरकुंजल पुर ग्राम पंचायत की पूर्व प्रधान विनीता एंव बम्हनीपुर ग्राम पंचायत से चुनाव लडने वाली जिलेदार की पुत्री उमाकांती नगरिया खनाबांध की बीएलओ मनोज कुमारी एंव पूनम कुदरैल के बीएलओ हरेन्द्र कुमार एंव तत्कालीन बीएलओ मयंका सिंह नगरिया खनाबांध के पंचायत सचिव विजेंद्र सिंह कुदरैल के तत्कालीन सचिव धीरेंद्र कुमार के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया है जानकारी देते हुए भाजपा मंडल अध्यक्ष दीपक नंदन जाटव ने बताया जिलेदार सिंह व उनका पुत्र संजीव अलग अलग ग्राम पंचायतो मे प्रधान बनने के लिए कूटरचित दस्तावेज़ो के सहारे अपना वोट व परिवार रजिस्टर मे नाम दर्ज करा लेता है बर्तमान मे जिलेदार व उसके पुत्र ने ऊसराहार इटावा जयपुर कानपुर एंव कुदरैल व नगरिया खनाबांध मे अपने मकान बना रखे हैं जबिक 35 वर्षो से इनका निवास ऊसराहार मे है इसके बाद भी संजीव कुमार नगरिया खनाबांध से प्रधान है जबकि पिता जिलेदार कुदरैल ग्राम पंचायत से प्रधान है संजीव की पत्नी विनीता वर्ष 2015 मे हरकुंजल पुर ग्राम पंचायत से प्रधान रह चुकी है इनके परिवार रजिस्टर को समय समय पर धोखाधडी कर प्रधानी का चुनाव लडने के लिए बदला जाता रहा है
सबसे पहले परिवार नगरिया खनाबांध ग्राम पंचायत मे दर्ज था उसके बाद परिवार के सदस्यों के नाम ग्राम पंचायत मोहरी फिर बम्हनीपुर उसके बाद नगरिया खनाबांध ग्राम पंचायत हरकुंजल पुर और ग्राम पंचायत कुदरैल के परिवार रजिस्टर मे दर्ज किए गए लगातार पंचायतो मे हेरफेर कर परिवार रजिस्टर को बदलने की शिकायत उन्होंने डीपीआरओ व खंड विकास अधिकारी से भी की थी जांच के दौरान पाया गया कि संजीव की पत्नी विनीता व जिलेदार की पत्नी रामवेटी ने अलग अलग शपथ पत्र फर्जी तरीके से परिवार को एक ग्राम पंचायत से हटाकर दूसरी ग्राम पंचायत मे दर्ज कराने के लिए दिया जांच मे बर्तमान ग्राम प्रधान संजीव कुमार का नाम भी कुदरैल ग्राम पंचायत के परिवार रजिस्टर से काट दिया गया है दीपक नंदन ने बताया समय समय पर अपने बोट को एक ग्राम पंचायत से दूसरी ग्राम पंचायत मे पहुचाने एंव बिना जांच किए एंव खुली बैठक के बिना पंचायत सचिव ने एक पंचायत से दूसरी पंचायत के परिवार रजिस्टर मे नाम दर्ज कराने मे मदद की है इस प्रकरण मे चार बीएलओ एंव दो पंचायत सचिवो ने इस पूरे धोखाधडी के प्रकरण मे मदद की है जिनके विरूद्ध भी कार्यवाही होनी चाहिए
उन्होंने बताया 2021 मे एक ही परिवार के तीन सदस्यों मे जिलेदार सिंह ने ग्राम पंचायत कुदरैल से उनके बेटे संजीव कुमार ने ग्राम पंचायत नगरिया खनाबांध से उनकी बेटी उमाकांती ने ग्राम पंचायत बम्हनीपुर से प्रधान पद के लिए अलग अलग तीन पंचायतो से चुनाव लडा है
दीपक नंदन की तहरीर पर ऊसराहार पुलिस ने धोखाधडी की धारा 420.467.468.471 एंव 120 बी की संगीन धाराओं मे अभियोग पंजीक्रत किया है थानाध्यक्ष बलराज भाटी ने बताया मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जा रही है वही इस संबध मे ग्राम प्रधान संजीव कुमार ने बताया जिस ग्राम पंचायत मे उनका परिवार रह रहा है उस ग्राम पंचायत मे नाम जोडने के लिए नियमानुसार आवेदन किया गया समित भी बनाई गई जिसकी रिपोर्ट पर नाम दर्ज किया गया था परिवार के सदस्य अलग अलग पंचायतो मे रह सकते हैं


