केन्द्रीय बैंक आरबीआई (Central Bank RBI) बैंकों के कार्यों पर बारीकी से नजर रखता है. जो भी बैंक आरबीआई (RBI) के नियमों का उल्लंघन करते हैं उन पर भारी जुर्माना लगाया जाता है. शुक्रवार को आरबीआई ने नोटिफिकेशन जारी करके बताया कि कुछ नियमों को अवहेलना करने के कारण यूको बैंक (UCO Bank) पर 2.68 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया है.
किन नियमों का किया उल्लंघन
आरबीआई के नोटिफिकेशन (RBI notifications) के अनुसार यूके बैंक (Fine on UCO Bank) ने जमा पर ब्याज दर, चालु खाता खोलने, धोखाधड़ी वर्गीकरण जैसे कई नियमों का उल्लंघन किया. जिसके कारण बैंक पर 2.68 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया.
दोनों मामलों में आरबीआई का क्या है कहना
खबर के मुताबिक, दोनों मामलों में, भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि जुर्माना नियामक अनुपालन पर आधारित है और इसका मकसद संस्थाओं द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर फैसला सुनाना नहीं है। आरबीआई द्वारा 31 मार्च, 2022 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में बैंक का पर्यवेक्षी मूल्यांकन के लिए वैधानिक निरीक्षण (आईएसई 2022) किया गया था।
बीआर अधिनियम के उल्लंघन/आरबीआई के निर्देशों का पालन न करने और उस संबंध में संबंधित पत्राचार के पर्यवेक्षी निष्कर्षों के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया था जिसमें उसे कारण बताने के लिए सलाह दी गई थी कि बीआर अधिनियम और आरबीआई के निर्देशों के प्रावधानों का पालन करने में विफल रहने के लिए उस पर अधिकतम जुर्माना क्यों न लगाया जाए।
पेनाल्टी की वजह गिनाई
आरबीआई ने कहा कि बैंक फ्लोटिंग रेट पर्सनल/रिटेल लोन और एमएसएमई को दिए जाने वाले लोन को बाहरी बेंचमार्क के अनुसार बेंचमार्क करने में विफल रहा। बैंक ने गैर-घटक उधारकर्ताओं के कुछ चालू खाते खोले, जिनका बैंकिंग सिस्टम में एक्सपोजर 5 करोड़ रुपये या उससे अधिक था। साथ ही अयोग्य संस्थाओं के नाम पर कुछ बचत जमा खाते खोले गए। इसके अलावा, कुछ सावधि जमाओं में दावा न किए गए शेष राशि को, जो दस साल से अधिक की अवधि के लिए दावा न किए गए थे, जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष में दस साल की उक्त अवधि की समाप्ति से तीन महीने की अवधि के भीतर स्थानांतरित करने में विफल रहा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को धोखाधड़ी के कुछ मामलों की रिपोर्ट करने में विफल रहा।