(हरि शंकर माली)
दूनी/टोंक।स्मार्ट हलचल|पनवाड़ में सरकार की पर्यावरण संरक्षण के प्रति हरियालो राजस्थान और एक पौधा मां के नाम अभियान के तहत केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की छठवीं आरक्षित वाहिनी बटालियन देवली द्वारा मॉडल स्कूल प्रांगण में लगभग चार सौ पौधे लगाए गए। हेड कांस्टेबल रामचरण यादव ने बताया कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है जिसमें बुधवार को सीआईएसएफ छठवीं आरक्षित वाहिनी देवली के कमांडेंट आशीष कुमार कुंदन के निर्देशानुसार उप कमांडेंट श्वेतांक व सहायक कमांडेंट नरेश कुमार सागवान व 72 अन्य बल सदस्यो व स्कूली बच्चों द्वारा विवेकानंद मॉडल स्कूल में एक विशेष वृक्षारोपण अभियान में भाग लिया। इस अभियान के अंतर्गत कुल 400 पौधों का रोपण किया गया, जो पर्यावरण संरक्षण और हरित भारत के संकल्प की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास था।
इस कार्यक्रम का नेतृत्व सीआईएसएफ के कमांडेंट आशीष कुमार कुंदन , डिप्टी कमांडेंट श्वेतांक तथा असिस्टेंट कमांडेंट संगवान द्वारा किया गया। उनके निर्देशन में सीआईएसएफ के निरीक्षकों और जवानों ने अत्यंत उत्साह के साथ इस अभियान को सफलतापूर्वक संपन्न किया।
कार्यक्रम में विवेकानंद मॉडल स्कूल के प्रिंसिपल, शिक्षकगण तथा छात्र-छात्राओं ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। स्कूल परिवार ने इस पहल को न केवल सहयोग दिया, बल्कि इसे एक प्रेरणादायक एवं जागरूकता से भरपूर आयोजन में भी परिवर्तित कर दिया। छात्रों ने पौधों को लगाकर अपने कर्तव्य का परिचय दिया और संकल्प लिया कि वे इन पौधों की देखभाल करके उन्हें वृक्ष बनने तक संरक्षित करेंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार देवली देहात मंडल मीडिया प्रभारी महावीर प्रसाद माली ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण संरक्षण और उसकी महत्ता पर सभी उपस्थितजनों को जागरूक किया गया। सीआईएसएफ अधिकारियों ने बताया कि वनों और हरियाली का संरक्षण करना हमारी सामाजिक एवं नैतिक जिम्मेदारी है। वृक्ष न केवल हमें ऑक्सीजन देते हैं, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन से लड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
यह अभियान सिर्फ एक दिन की गतिविधि नहीं है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरा-भरा भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में हमारा एक छोटा कदम है।”
डिप्टी कमांडेंट श्री श्वेतांक ने भी सभी को धन्यवाद देते हुए कहा कि, विवेकानंद मॉडल स्कूल के प्रबंधन, प्रिंसिपल नरेश कुमार मीणा, शिक्षक और छात्रों का सहयोग अतुलनीय रहा। इस अभियान को सफल बनाने में उनकी भागीदारी सराहनीय रही।
यह वृक्षारोपण कार्यक्रम न केवल हरियाली बढ़ाने की दिशा में सार्थक प्रयास था, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन-जागरूकता फैलाने का माध्यम भी बना। कार्यक्रम के अंत में सभी ने मिलकर पर्यावरण को बचाने का संकल्प लिया और भविष्य में भी इसी प्रकार के प्रयास करते रहने की बात कही।