घट स्थापना की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त –
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन उदया तिथि के अनुसार घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 9 अप्रैल सुबह 6 बजकर 11 मिनट से सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक का है।
नवरात्रि में घटस्थापना करने की विधि
- सबसे पहले पूजा स्थल की अच्छी तरह से सफाई करें।
- अब एक मिट्टी का बर्तन लेकर उसमें साफ मिट्टी डालें।
- बर्तन में जौ के दाने बो दें और पानी fका छिड़काव करें।
- अब मिट्टी के कलश को पूजा स्थल पर स्थापित कर दें।
- कलश में जल, अक्षत और कुछ सिक्के डालकर ढक दें।
- इसके बाद कलश पर स्वास्तिक चिन्ह सही से बनाएं।
- अब इस कलश को मिट्टी के ढक्कन से ढक देवें।
- अब दीप जलाएं और कलश की विधि-विधान से पूजा करें।
कलश स्थापना के नियम
सबसे पहले उस विशेष स्थान पर गंगा जल का छिड़काव करेें जहां आपको कलश की स्थापना करनी है ।इसके बाद एक लकड़ी की चौकी ले और उस पर रोली से स्वस्तिक बनाएं और उस पर कलश की स्थापना करें।या फिर आप एक मिट्टी का पात्र लें और उसमें जौ के बीज बोएं और उस पर कलश की स्थापना करेंआम के पत्ते कलश में जरूर रखें और उस कलश में गंगा जल भर देंकलश में कुछ सिक्के, दूर्वा के साथ एक सुपारी,और हल्दी की गांठ भी रखें।नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश पर रखें।इसके बाद मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना करें.कलश स्थापना के साथ ही अखंड ज्योत भी जलाएं।और मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा करें।कलश स्थापना करते समय इस बात का ध्यान रखें की कलश की दिशा उत्तर और पूर्व हो।चैत्र नवरात्रि का महत्व
नवरात्रि के 9 दिनों तक देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा और व्रत किया जाता है। इस दौरान लोग मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए भजन-कीर्तन करते हैं। हिंदू मान्यता के अनुसार, नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की विशेष पूजा करने से भक्त को सुख-समृद्धि मिलती है। साथ ही मां दुर्गा का आशीर्वाद भी मिलता है। -
चैत्र नवरात्रि पर बन रहा है ये शुभ योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस वर्ष चैत्र नवरात्रि पर अमृत सिद्धि योग और अश्विनी नक्षत्र का संयोग नजर आने वाला है। 9 अप्रैल के दिन सूर्योदय के लगभग 2 घंटे बाद अश्विनी नक्षत्र शुरू हो जाएगा। इस शुभ मुहूर्त में घट स्थापना करने से मां शक्ति की विशेष कृपा अपने भक्तों पर होती है।