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नववर्ष पर विशेष जनहित में बदले हर चाल, हों बेहतर मेरे से हाल, करे प्रार्थना बीता साल

स्मार्ट हलचल|मैं 2025 अब आपके जीवन से हमेशा के लिए चला गया हूं ,लेकिन मुझे इस बात का बहुत दुख हमेशा रहेगा कि उन्होंने मेरे आगमन की खुशी में जो वादा किया था, वे उससे पूरी तरह से मुकर गए। मुझ बीते 2025 की नजर में जिसकी एक मात्र वजह उनका स्वार्थ ही है, जिसके आधार पर मैं कह सकता हूं उनकी वजह से ही सामाजिक जीवन में लगातार हिंसा, अन्याय, असभ्यता, घृणा और झूठ पहले की तरह ही बरकरार है। सत्य अक्सर आज भी दम तोड़ता ही दिख रहा है। लेकिन बहुत खुशी इस बात की भी है कि मेरे कालखंड को सनातन की मजबूती और अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की पूर्णता के साथ ही उसके ध्वजारोहण और दूसरी वर्षगांठ का भी गवाह बनने का परम सौभाग्य प्राप्त हुआ। ऊपर वाले से एक प्रार्थना यह भी करता हूं कि देश का मध्यम वर्ग आने वाले समय में और ज्यादा खुशहाल हो लेकिन सत्य भी है कि मेरे यानी बीते 2025 के कालखंड में देश का मध्यम वर्ग जिस तरह से नफरत और झूठ के पीछे खड़ा रहा , वह वाकई बेहद निराशाजनक है। सत्य काफी हद तक सिमट गया है और इस पर यकीन करने और इस पर चलने वाले लोग भी अब ना के बराबर रह गये हैं।
मैं आपका बीता साल 2025 आपसे यह भी कहने से नहीं चूकना चाहता कि मीडिया और धार्मिक नेतृत्व दोनों ही एक ऐसी राजनीतिक व्यवस्था और उसके बचाव में मुखर रहे जिस देश और समाजके हित में नहीं माना जा सकता।
मैंने यानी आपके बीते हुए इस साल 2025 ने अपने पूरे कालखंड में यह भी देखा कि संवैधानिक पदों पर बैठे हुए लोगों में कुछ को छोड़कर न केवल नैतिकता खोते नजर आए ,बल्कि उनमें निष्पक्षता की भावना भी खतरनाक हालातों तक कमजोर होती भी दिखी।
मैं 2025 आपको यह भी बताना चाहता हूं कि मेरे पूरे समय में न्यायालय के फैसलों पर भी कई सवाल उभरे, खास तौर से निचली अदालतों के फैसले काफी सवालों के घेरे में रहे ,लेकिन इसके विपरीत मुझ 2025 को खुशी इस बात की भी है कि मैंने अपने इस कालखंड में लोकतांत्रिक भावना और व्यवहार की मजबूती के लिए आवश्यक एक सक्रिय व्यवस्था का उदय होते हुए भी देखा। इसके फलस्वरूप शायद संविधान को और कमजोर होने से फिलहाल तो बचा लिया गया है, लेकिन आजादी, समानता, न्याय और बंधुत्व के बुनियादी मूल्य फिलहाल गहरे खतरे से बाहर अब भी नहीं माने जा सकते, क्योंकि बीते हुए मुझ 2025 को ऐसा लगता है कि धर्म अपनी बहुलता आधारित आध्यात्मिकता और सूक्ष्म दृष्टि से निरंतर दूर होता ही जा रहा है। मेरी नजर में आस्था की जगह कर्मकांड ने ले ली है ,जिसे एक चका चौंध तमाशा के अलावा कुछ नहीं कहा जा सकता।
जैसा कि मैं 2025 ने अपने पूरे समय में यह भी स्पष्ट रूप से अनुभव किया कि शिक्षा जगत की स्वायत्तता भी बहुत निराशा जनक तरीके से कम होती जा रही है, जिसकी वजह से ही ज्ञान को हाशिये पर धकेलने वाले भी अपने लाभदायक इरादे में सफल हैं। मतलब अज्ञानता को सामाजिक रूप से सुदृढ़ किया जा रहा है।
हो सकता है कि बहुत से लोग सहमत ना हो फिर भी मैं 2025 डंके चोंट पर यह भी दावा करता हूं कि देश की लगभग 50 फीसद संपत्ति 5 फीसद आबादी के पास है। यही नहीं वेतनभोगी वर्ग के 50 फीसद लोगों को अपनी आय में कमी की पीड़ा भी झेलनी पड़ रही है जिससे निराशा का भाव भी आत्मघाती हालात तक खतरनाक हो चुका है।
मैं आपका बीता हुआ 2025 हालातों के विपरीत यह भी भरोसा दिलाना चाहता हूं कि एक समय आएगा जब पापों के बोझ से नफरत और झूठ की इमारत भरभराकर अवश्य ही गिर जाएगी। बेशक यह भी सच हाशिये पर दम तोड़ता दिख रहा हो लेकिन आखिर में जीत सत्य पूर्ण आचरण की ही होगी। इसीलिए प्रार्थना करता हूं कि आपके नए साथी 2026 का कालखंड कुछ ऐसा हो, जिससे देश और समाज के हित के मामले में किसी भी दृष्टिकोण से किसी को भी हताशा ,निराशा और दुख का शिकार ना होना पड़े। – – – और इसके लिए भी ईश्वर, अल्लाह तथा गॉड से प्रार्थना और इबादत करता हूं कि मैं 2025 तो आपके जीवन से हमेशा के लिए चला गया हूं लेकिन हमारा और आपका आ चुका नया साथी 2026 देश और समाज के हित में आपके हर इरादे को अवश्य ही सफल बनाए। मतलब नहीं किसी का भय हो। नव वर्ष मंगलमय हो।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
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