ओम जैन
शंभूपुरा।स्मार्ट हलचल| पिछले कई साल से सिर्फ जिला ही नही बल्कि सम्पूर्ण मेवाड़ ओर पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा दान राशि चढ़ावा के लिए सुप्रसिद्ध मण्डफिया स्थित सांवरिया सेठ मन्दिर जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते प्रसिद्धि के साथ साथ अब अव्यवस्थाओं के लिए भी अपनी पहचान बनाने लगा है।
करोड़ो रूपये हर महीने दान राशि आने के बाद भी मन्दिर मंडल अव्यवस्थाओं को अच्छी व्यवस्थाओं में बदलने में नाकाम साबित हो रहा है, जिससे समय समय पर दर्शकों की नाराज़गी भी साफ देखी गई।
मन्दिर के शिखर पर उगने लगे पौधे, सफाई में फिसड्डी
अव्यवस्थाओं का स्मारक बन रहे सांवलिया सेठ मन्दिर में करोड़ों रुपए की दान राशि के बावजूद जलझूलनी एकादशी और होली की गुलाल तक साफ नही हो पाई और मंदिर के मुख्य शिखर पर पीपल जैसे पैड के पौधे पनपने लग गए जो मन्दिर की शोभा तो घटा ही रहे है वही मंदिर की मजबूती को भी खत्म कर रहे हैं।
सोचने योग्य बात यह है कि करोड़ों रुपए से शिखर ओर मंदिर की सफाई का कार्य वर्षो से चल रहा है लेकिन वो सफाई कहा हो रही अभी तक किसी को नही दिखी।
अभी हाल ही के दिनों में नए सफाई का काम शुरू किया लेकिन केवल साफ हो रहा हैं तो भक्तों का आया दान, इसके अलावा और कुछ नही।
सिर्फ वीआईपी की आवभगत में लगा मण्डल, व्यवस्थाओं पर ध्यान नही
जब से मन्दिर मण्डल के नये अध्यक्ष बने वो व्यवस्थाओं को संभालने और सुधारने में नाकाम नजर आ रहे, वो केवल वीआईपी के लिए समर्पित होकर रह गए हैं, लोगो का आरोप है कि चेयरमैन के परिवारजन और निजी सहायक अपने दायित्व का गलत उपयोग कर रहे है।
बड़े नेताजी के खास को सिक्युरिटी की कमान, आये दिन भक्तो कि धुनाई
जिले में भाजपा के एक बड़े नेताजी ने मौका मिलते ही यहाँ की सिक्योरिटी कि कमान अपने एक खास पूर्व भाजपा प्रत्याशी की निजी सिक्युरिटी कम्पनी टाइगर को सौंप दी जिसके आने के बाद से ही यहाँ आने वाले भक्तो को प्रसाद की जगह लाठियां खानी पड़ रही है, यहाँ भक्तों से साथ मारपीट और अभद्रता तो जैसे आम बात हो गई है, जबकि उन्हीं से पार्किंग का पैसा और भोजन शाला में पैसा सहित नई बनी धर्मशाला में पैसा वसूला जा रहा है।
देखा जाए तो नए चेयरमैन के पदभार के पश्चात ही अवस्थाओं का क्रम चरम पर है।
ना शौचालय की सफाई ना पानी की व्यवस्था
यहाँ भक्तो की आवक निरंतर बढ़ रही है जिससे साथ साथ दान राशि भी रिकॉर्ड निकल रही जो किसी से छुपा हुआ नही है, जिसके बदले यहाँ आने वाले श्रदालुओ को आवश्यक सुविधाओं के बजाय अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है, यहाँ के शौचालय के हालात हमेशा ही बद से बत्तर बने रहते है, सफाई के नाम पर कुछ भी नही होता, वही शौचालयों में पानी की व्यवस्था कुछ भी ठीक नही रहती है, यहाँ तक कि यहाँ आने वाले भक्तो को पीने के पानी के लिए भी इधर उधर भटकना पड़ता है लेकिन जिम्मेदारों द्वारा इस ओर ध्यान नही दिया जा रहा है।
प्रसाद काउंटर पर तो धक्के खाने पड़ते जैसे लंगर में बांट रहे हो
यहाँ आने वाले हर भक्त को मुफ्त में तो सिर्फ सिक्युरिटी कि लाठियां मिलती है, बाकी प्रसाद तो खुद के पेसो से ही खाना पड़ता है, लेकिन आश्चर्य की बात तो यह है कि वहाँ भी इतनी अव्यवस्था कि पैसे देने के बावजूद भक्तो को ससम्मान प्रसाद नही मिल पाता है और कभी धक्का मुक्की तो कभी इनके कर्मचारियों की गालियां खाकर ही भक्तो का पेट भर जाता है, बाबजूद इसके यहाँ जिम्मेदारी समझने वाला कोई नही है, ओर ना कोई व्यवस्था सुधार पर ध्यान देने वाला, जिससे यहाँ आस लेकर आये भक्तो को निराश होकर लौटना पड़ रहा है।
तो वही दूसरी ओर जिले के बड़े भाजपा नेता जिन्होंने प्रदेश की सत्ता में रहते मण्डल का चेयरमैन अपने हिसाब से बना दिया जो सिर्फ अपना उल्लू सीधा कर रहे बाकी ओर कुछ नही, वही जो सदस्य बनाये वो भी कुछ ऐसे ही अपने खेमे के बना दिये जो अपना काम बनता भाड़ में जाए जनता की तर्ज पर चल रहे है, ना कोई यहाँ की व्यवस्थाओं पर ध्यान देता है ना ही यहाँ व्याप्त अव्यवस्थाओं पर जिससे भक्तो में भी रोष साफ नजर आने लगा है।


