भजनों पर नाचे भक्त व प्रसाद लूटने का लिया आनन्द
राजेन्द्र बबलू पोखरना
स्मार्ट हलचल,कोटड़ी|मुख्यालय सहित तहसील क्षेत्र के अनेक गांवों में रंगो का त्यौहार शीतला अष्ठमी को हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। सुबह महिलाओं ने शीतला माता का पूजन कर परिवार में खुशहाली की कामना की। कोटड़ी में भगवान श्री चारभुजानाथ के संग होली खलने की अनुठी परंपरा को भक्तों ने गुलाल, पुष्प की पंखुड़ियों व केसर के रंगो से ही होली खेली। कार्यक्रम को लेकर कोटड़ी कस्बे के अलावा जिले के अनेक क्षेत्रों से लोग भी आस्था का केन्द्र भगवान श्रीचारभुनाथ के दरबार में एकत्रित हो केसर व पुष्प पत्ती से भगवान के साथ होली खेली। जिले का एतिहासिक कार्यक्रम में कस्बे के छोटे से लेकर बुजुर्ग महिला-पुरूष भगवान के दर पर हाजरी लगाते हुए केसर, गुलाल व गुलाब पत्ती को भगवान के चरणों में अर्पित कर धन्य महसूस किया। श्रीचारभुजा मन्दिर ट्रस्ट के अलावा अनेक भक्त मण्डलियों द्वारा मन्दिर परिसर में ही भगवान के प्रसाद चढ़ा कर वितरण किया गया। सुबह 9 बजे से ही भक्तों का सेलाब हाथों में गुलाल, गुलाब पत्ती व केसर का रंग लेकर मन्दिर में उमड़ना शुरू हो गया। दिनभर भक्तों ने भगवान के साथ 15 ग्राम केसर व 5 क्विंटल गुलाब फूलों से होली खेली। जिले में कोटड़ी चारभुजानाथ के दरबार में केसर की होली खेलने का अनुठा कार्यक्रम होने से जिलेभर के अनेक क्षेत्रों से भक्त केसर, गुलाल व फूलों की पंखुड़ियां लेकर पंहुचे तथा भगवान संग होली खेलने का आनन्द लिया। शीतला अष्ठमी पर शाम को एक-दूसरे के घर पंहुच होली का रामा-श्यामा किया।
भक्तों ने गुलाल व पुष्पों के साथ होली खेलते नाचने का लिया आनन्द
रंग मत डाले रे कानूड़ा मारो गुर्जर मारे रे: गायककार गोकुलशर्मा
भगवान श्री चारभुजानाथ मन्दिर परिसर में होली खेलने पंहुचे भक्तों को भजनों के साथ होली खेलने का आनन्द दुगुना कर दिया। सुबह 10 बजे से शुरू हुई भजन कार्यक्रम में भजन गायककार गोकुल शर्मा ने भजनों की शुरूआत गणेश वन्दना से की तथा सुखदेव जाट के द्वारा लगाए श्रीजी साउण्ड पर गोकुल शर्मा ने रंग मत डाले रे कानूड़ा मारे गुर्जर मारे रे, म्हारे बैंक को मैनेजर कोटड़ी रो श्याम, कोटड़ी की गलियों में उड़े रे गुलाल, आडो खोल मुख से बोल मारा चारभुंजानाथ रे, भक्तों के संग होली खेले चारभुजानाथ आदि गीतों की प्रस्तुतियों पर भक्तों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। वहीं लेहरूदास ने जिनि जिनि उड़े रे गुलाल चारभुजा के मंदिर में, होली खेले भक्त चारभुजा रा साथ, चारभुजा रा नाथ ने गणी गधी खम्मा के अलावा डीजे की धुन वाले गीतों की प्रस्तुतियां देते हुए होली पर फाग के गीतों में गरजोर मेरो चाले हीरे मोती सूं नजर उतार दूं, दूर करो नन्द लाल अब तो सारे दुख सहित अनेक कृष्ण व चारभुजानाथ, शंकर भगवान पर आधारित भजन प्रस्तूत किए जिस पर उपस्थित भक्त नाचने लगे। भक्त ठाकुर की प्रतिमा को फूलों की होली खिला कर आनंदित हो रहे थे वही एक दूसरे को गुलाल लगाकर गले मिलकर शीतलाष्टमी की बधाई देते नजर आए। कार्यक्रम में भक्तो ने खूब रंग खेला एव भगवान श्री चारभुजा नाथ की जय जय कार से वातावरण को धर्मयम कर दिया।
भोग में इन व्यंजनों का बंटा प्रसाद
कोटड़ी श्याम के दरबार में रंगो का त्यौहार शीतला अष्ठमी के दिन केसर व गुलाल की होली खेली गई। इस दौरान भगवान को भांती-भांती की मिठाई के भोग लगा कर बारी-बारी से भक्तों को बांटा गया। भक्तों के द्वारा बनाए गए व्यंजनों में 600 किलो दूध के दही का मीठा, चरका व घाट का ओल्या तैयार कर दिनभर स्टॉल लगा कर श्रद्धालुओं को बांटा गया। वहीं अनेक प्रकार के पापड़-पापड़ी, तलनी को तल कर दिनभर परात में रखा जिसे भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार प्रसाद लेते नजर आए। वहीं माखनमिश्री, मठरी, राजभोग, काला जामून, गुलाब जामून, मेसूरपाक, रबड़ी, बेसनचक्की, गोन्दपाक, सोहनपपड़ी सहित अनेक प्रकार की मिठाईयों के अलावा नमकीन व सभी प्रकार के फलों को भगवान के भोग लगा कर प्रसाद वितरित किया गया। इसी प्रकार कुल्फी व आईस्क्रीम की अनेक वेरायटी में भी तैयार कर अलग-अलग भक्तों द्वारा भगवान के प्रसाद चढ़ा वितरित किया गया।
मुस्लिम समूदाय भी मन्दिर पंहुच खेलते है होली
हिन्दुओं के साथ मुसलमानों के लिए भी आस्था का केन्द्र बना भगवान श्रीचारभुजानाथ का दरबार सभी तीज त्यौहारों में भगवान की चोखट पर पंहुच कर आनन्द में सरीक होते है। इसी के चलते शीतला अष्ठमी के दिन हिन्दुओं के साथ साम्प्रदायिक सोहार्द की मिसाल कायम करते हुए मन्दिर परिसर में खेले जाने वाले रंगो के त्यौहार में मुसलमान भाई ने भी हिस्सा ले कर एक-दुसरे को रंग लगाया तथा होली मुबारकबाद करते हुए वितरित किए जाने वाले व्यंजनों का आनन्द लिया।