संयुक्त प्रयासों से “बाल श्रम मुक्त बूंदी” एवं “यस टू स्कूल अभियान” को मिलेगी नई गति
बूंदी- जिला कलक्टर अक्षय गोदारा के निर्देशानुसार, बाल संरक्षण, बाल अधिकारों की सुरक्षा, बालिका शिक्षा प्रोत्साहन एवं बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए विकसित जिला विशिष्ट कार्य योजना 2025-26 तथा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु पंचायत सभागार हिंडोली में हितधारकों व फ्रंट लाईन कार्यकर्ताओं के साथ ब्लॉक स्तरीय परामर्श व समन्वय बैठक का आयोजन जिला प्रशासन, बाल अधिकारिता विभाग, महिला अधिकारिता विभाग एवं एक्शनएड-यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
सहायक निदेशक बाल अधिकारिता हुकम चंद जाजोरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला कलक्टर द्वारा अनुमोदित ज़िला विशिष्ट कार्ययोजना की अनुपालना में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस से प्रारंभ हुए बाल श्रम मुक्त बूंदी एवं यस टू स्कूल अभियान अंतर्गत बालश्रम की रोकथाम, बालश्रम भिक्षावृति में लिप्त बच्चों की पहचान, उनका रेस्क्यू, पुनर्वास सहित शिक्षा /विद्यालयों से जोड़ने तथा आमजन को बालश्रम नही करवाने एवं बालश्रम करने वाले बच्चों की सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर देने हेतु विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाकर बाल संरक्षण को प्रभावी बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
सहायक निदेशक, महिला अधिकारिता, भेरू प्रकाश नागर ने उपस्थित हितधातकों व फ्रंट लाईन कार्यकर्ताओं को शिक्षा सेतु, पॉश अधिनियम सहित एवं अन्य योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि सभी विभागों को समन्वय के साथ ड्रॉप आउट व वंचित बच्चों को स्कूल से जोड़ने का हरसंभव प्रयास करना चाहिए ताकि बूंदी को बाल श्रम मुक्त व शिक्षा युक्त ज़िला बनाया जा सकें। शिक्षा विभाग से संदर्भ व्यक्ति ब्रजराज सिंह हाडा ने प्रवेशोत्सव के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अनामांकित, ड्रॉप आउट व घुमंतू समुदाय के बच्चों की पहचान कर उन्हें शिक्षा से जोड़ना अत्यंत आवश्यक है।
संरक्षण अधिकारी बाल अधिकारिता विभाग गोविंद कुमार गौतम ने कहा कि यह बैठक न केवल बाल संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता का परिचायक हैं, बल्कि बूंदी जिले को बाल श्रम मुक्त एवं बच्चों के लिए एक सुरक्षित व समावेशी वातावरण बनाने की दिशा में एक ठोस कदम भी हैं।
एक्शन एड ज़िला समन्वयक ज़हीर आलम ने ज़िले को बाल श्रम मुक्त बनाने और शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने तथा बाल अधिकार व सुरक्षा, बालिका शिक्षा व सशक्तिकरण हेतु ज़मीनी स्तर पर कार्य कर रहे कार्यकर्ताओं व हितधारकों को गतिविधियों के माध्यम से बाल संरक्षण, रिपोर्टिंग और सामाजिक व्यवहार संचार परिवर्तन के महत्व के बारे में बताया।
बैठक में बाल अधिकारिता से दीपिका वशिष्ठ, महिला अधिकारिता विभाग से कानूनी सलाहकार प्रिया, अनस सिद्दीक़ी, जेंडर स्पेशलिस्ट वीनिता अग्रवाल, केंद्र प्रबंधक पूर्णिमा, चाइल्ड हेल्पलाइन से अर्चना मीणा सहित विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाएँ एवं सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि मौजूद रहें।