रणवीर सिंह चौहान
स्मार्ट हलचल /भवानीमंडी के श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य श्री आर्जवसागर जी ससंघ के सानिध्य में बाल संस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया जहां कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आचार्यश्री ने सभी बच्चों व अभिभावकों को कहा कि संस्कार बचपन में दिए जाने चाहिए क्योंकि बचपन में दिए संस्कार ही बड़े होकर काम आते हैं, संताने अच्छे संस्कार पाती है. जिनेंद्र भगवान के अनुसार चलने वाले जैन कहलाते हैं, उनके बताएं अनुसार ही साधु और श्रावक आचरण करते हैं साथ ही कहा कि जो लोग व्यसन करते हैं उनका जीवन व्यर्थ हो जाता है व्यसन से तीन लाभ भी होते हैं पहला लाभ यह है कि बूढ़े ही नहीं हो पाते जिससे हाथ में लाठी नहीं आती, खांसी इतनी ज्यादा चलती है कि घर में चोर नहीं आते वहीं तीसरा लाभ यह है कि जीवन ही इतना छोटा होता है कि कभी बाल सफेद नहीं हो पाते. अतः अपने बच्चों को संस्कारित अवश्य करें जिससे उनका जीवन महान बन सके. साथही बताया कि मन्दालसा एक ऐसी मां हुई जिन्होंने अपने सभी 6 बच्चों को मुनि बनने के संस्कार दिए थे. आचार्य श्री ने जैन धर्म के आठ नियमों को भी विस्तार पूर्वक बताया साथ ही सभी बच्चों को फास्ट फूड के त्याग के भी नियम दिलाए गए. इस दौरान पं. महावीर प्रसाद जैन ने बताया कि आचार्यश्री द्वारा बच्चों को जैन धर्म के संस्कारों से संस्कारित किया गया जिसके साथ ही जैन धर्म के आठ नियम सप्त व्यसन त्याग, रात्रि भोजन त्याग, पानी छानकर पीना, जिनेंद्र दर्शन करना, अभक्ष्य का त्याग, निर्माल्य वस्तु के त्याग के बारे में बताया. वही इस दौरान दाखीबाई, विजय जैन जूली परिवार द्वारा बच्चों को पुरस्कृत किया गया.