आसियान देशों के खिलाफ दक्षिण चीन सागर में समुद्री बल तैनात करने के बाद, चीन के कम से कम चीन सर्वे और जासूसी जहाज हिंद महासागर क्षेत्र में हैं. हाई वापर वाला चीनी निगरानी पोत जियांग यांग होंग 01 इंटरनेशल वाटर में अंडमान द्वीप समूह (बंगाल की खाड़ी के मध्य) से 600 मील पश्चिम में खड़ा है.
समुद्र तल की मैपिंग
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन का जियांग यांग होंग 01 पानी के नीचे से वाहनों को परीक्षण कर रहा है. ये जहाज 12 किलोमीटर की गहराई पर रह सकता है साथ ही तीन महीने तक समुद्र तल की मैपिंग कर सकता है और भविष्य में पनडुब्बी संचालन के लिए समुद्र संबंधी डेटा इकट्ठा कर सकता है. एक्सवाईएच 01 ने 7-8 मार्च की रात को बंगाल की खाड़ी में प्रवेश किया और अभी भी इस क्षेत्र में तैनात है.
पहला जहाज अंडमान द्वीप के पास तैनात
चीन का जहाज जियांग यांग होंग 01 Xiang Yang Hong 01 अंडमान द्वीप समूह जो कि (बंगाल की खाड़ी के मध्य) से 600 मील पर है जोकि उन जहाज का परीक्षण कर रहा है जो लगभग 12 किलोमीटर की गहराई पर रह सकते है. हालांकि बताया जा रहा है कि चीन की इस जासूसी का मकसद तीन महीने तक समुद्र तल की मैपिंग करना और भविष्य में पनडुब्बी ऑपरेशन के लिए समुद्र संबंधी डेटा एकत्र करना है. XYH 01 7-8 मार्च की रात को बंगाल की खाड़ी में दाखिल हुआ और अभी भी इस क्षेत्र में तैनात है.
एक जासूसी जहाज मालदीव
एक अन्य चीनी सर्वे जहाज जियांग यांग होंग 03 चीन के दोस्त मालदावी के राष्ट्रपति मोइज्जू माले में मालदीव के 350 मील तक समुद्री अवलोकन और हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण के लिए मानव रहित प्रणालियों को नियोजित कर रहा है. जबकि भारतीय नौसेना अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में इन चीनी जहाजों की गतिविधियों की निगरानी कर रही है, इसका मुख्य उद्देश्य विमान वाहक पोत जैसी आईओआर में नौसेना संपत्तियों की भविष्य की तैनाती के लिए समुद्री मॉडल को मान्य करना है. XYH 03 ने लगभग तीन महीने पहले IOR में प्रवेश किया और मालदीव के बाहर काम करना जारी रखा.
तीसरा जहाज मॉरीशस
तीसरा निगरानी जहाज दा यांग हाओ मॉरीशस में पोर्ट लुइस से 1200 मील दक्षिण में है और 45वीं पीएलए एंटी-पाइरेसी एस्कॉर्ट फोर्स राजधानी के दक्षिण पश्चिम में 550 मील की दूरी पर काम कर रहा है. पीएलए की 46थान्टी-पाइरेसी टास्क फोर्स अदन की खाड़ी में काम कर रही है, हालांकि चीनी जहाजों की ओर से किसी सोमालियाई समुद्री डाकू को रोकने या किसी हौथी मिसाइल को निष्क्रिय करने की कोई खबर नहीं है,