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बूंदी में चाइनीज मांझे का कहर: युवक की पलक कटी, 70 टांकों से बची जान

बूंदी मेडिकल कॉलेज में जटिल पलक सर्जरी सफल, डॉ. आशीष व्यास का जीवनरक्षक प्रयास

बूंदी।स्मार्ट हलचल|शहर में प्रतिबंधित चाइनीज मांझे का खतरनाक रूप एक बार फिर सामने आया है। बाइक से जा रहे एक युवक की आंख की पलक चाइनीज मांझे से कट गई। हादसा इतना गंभीर था कि युवक की पलक के साथ माथे की त्वचा भी पूरी तरह कट गई और आंख के आसपास की मांसपेशियां, रक्तवाहिनियां और नसें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। समय रहते उपचार मिलने से युवक की जान बच सकी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रानीपुरा क्षेत्र, जिला बूंदी निवासी बाबूलाल सैनी (पिता सत्यनारायण सैनी), जो पेशे से हलवाई का कार्य करते हैं, बाइक से दुर्गापुरा के पास से गुजर रहे थे। इसी दौरान सड़क पर फैले चाइनीज मांझे की चपेट में आने से यह हादसा हो गया। मांझा तेज धार वाला होने के कारण पलक से होते हुए कटाव दोनों भौंहों तक और आंख के गोले के पास तक पहुंच गया। दुर्घटना के समय अत्यधिक रक्तस्राव हुआ, जिससे युवक की हालत नाजुक हो गई।

घायल को तत्काल बूंदी मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां प्लास्टिक सर्जन डॉ. आशीष व्यास के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने तुरंत उपचार शुरू किया। प्राथमिक जांच में यह स्पष्ट हो गया कि यह एक अत्यंत जटिल और जोखिमपूर्ण मामला है, जिसमें पलक के साथ-साथ आसपास की मांसपेशियों और नसों का पुनर्निर्माण आवश्यक है।

डॉ. व्यास और उनकी टीम ने मरीज की स्थिति को स्थिर करने के बाद करीब दो घंटे तक चली सूक्ष्म सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। सर्जरी के दौरान लगभग 70 टांके लगाकर पलक, माथे की त्वचा और क्षतिग्रस्त मांसपेशियों का पुनर्निर्माण किया गया। डॉक्टरों की सावधानी और तकनीकी दक्षता के चलते आंख और पलक की क्रियाशीलता को काफी हद तक बहाल किया जा सका।

फिलहाल मरीज की हालत स्थिर बताई जा रही है और वह तेजी से स्वस्थ होने की दिशा में बढ़ रहा है। चिकित्सकों के अनुसार समय पर अस्पताल पहुंचना और सही उपचार मिलना इस मामले में निर्णायक साबित हुआ, अन्यथा आंख की रोशनी जाने का भी गंभीर खतरा था।

यह घटना एक बार फिर चाइनीज मांझे के जानलेवा खतरे की ओर इशारा करती है। प्रशासन द्वारा इस पर प्रतिबंध के बावजूद बाजार में इसकी उपलब्धता और खुलेआम उपयोग आमजन की जान के लिए खतरा बना हुआ है। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।

बूंदी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों की तत्परता और कुशल सर्जरी से जहां एक युवक की जान बची, वहीं यह मामला चाइनीज मांझे के खिलाफ जनजागरूकता और कड़े कदम उठाने की जरूरत को भी रेखांकित करता है।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
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