ओम जैन
स्मार्ट हलचल/चित्तौडगढ़ विधायक चंद्रभानसिंह आक्या ने बुधवार को विधानसभा सत्र में प्रश्नकाल के दौरान साईबर फ्राड में दो लाख से कम राशि के अपराध चित्तौडगढ़ के साईबर थाने में दर्ज नही किये जाने का मुद्दा सदन में उठाया।विधायक आक्या ने गुरूवार को विधानसभा सत्र में प्रश्नकाल के दौरान सदन में बोलते हुए कहा कि उनकी विधानसभा का साईबर ठगी से पीड़ित चित्तौडगढ़ के साईबर थाने में जाता है तो उसको यह बताया जाता है कि दो लाख या उससे ज्यादा के साईबर फ्रॉड पर ही उनकी रिपोर्ट साईबर थाने में दर्ज हो पाएगी कम राशि के फ्राड पर पीड़ित को उसके संबंधित थाने पर जाकर रिपोर्ट दर्ज करानी होगी। इस वजह से विगत 3 वर्षो में चित्तौड़गढ़ के साईबर थाने में मात्र 36 मुकदमें ही दर्ज हो पाये है।
विधायक आक्या ने कहा की अपराध छोटा हो या बड़ा अपराध ही होता है। राशि के आधार पर ऐसा भेदभाव नही किया जाना चाहिए, साईबर थाने में अनुभवी अधिकारी व कर्मचारी होते है जो टेक्नीकल तरीके से केस को हेण्डल कर सकते है। पीड़ित के संबंधित पुलिस थाने पर पहले से ही अतिरिक्त भार व जिम्मेदारियां होती है वहां साईबर अपराध ढुढना बेहद मुश्किल हो जाता है। विधायक आक्या ने दो लाख रूपये से कम की भी साईबर ठगी के मामले को साईबर थाने में दर्ज किये जाने की बात कही।
इस पर मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने साईबर थाने में राशि के आधार पर प्रकरण दर्ज नही किये जाने को गंभीरता से लेते हुए इस बाबत संबंधित थाने की जानकारी प्राप्त कर आवश्यक कार्यवाही किये जाने का आश्वासन दिया।