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गर्मी से पहले राहत की तैयारी: कठौता झील की सफाई शुरू जलापूर्ति होगी बेहतर

– ड्रेजिंग एवं डी-शिल्टिंग से तीन गुना बढ़ेगी झील की पानी रखने की क्षमता महापौर के निर्देश पर चल रहा काम

समर्थ कुमार सक्सेना
लखनऊ। स्मार्ट हलचल/गर्मियों में पानी की किल्लत न हो, इसके लिए लखनऊ नगर निगम और जलकल विभाग ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी कड़ी में कठौता झील की डी-शिल्टिंग और ड्रेजिंग का काम सोमवार से शुरू हो गया है। सुबह-सुबह खुद मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने मौके पर पहुंचकर काम का जायज़ा लिया और अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
नगर निगम व जलकल विभाग के कई अधिकारी मौजूद रहे
निरीक्षण के वक्त नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, अपर नगर आयुक्त ललित कुमार, जीएम जलकल कुलदीप सिंह, चीफ इंजीनियर जलकल शमीम अखतर, XEN जलकल जोन-4 विकास शर्मा और नगर निगम व जलकल विभाग के कई अधिकारी मौजूद रहे। बताया गया कि सफाई के बाद झील की वॉटर स्टोरेज कैपेसिटी तीन गुना तक बढ़ जाएगी, जिससे गर्मी में गोमती नगर और इंदिरा नगर के लोगों को पानी की दिक्कत नहीं होगी।
महापौर के निर्देश पर हो रहा काम
यह पूरा अभियान महापौर सुषमा खर्कवाल के निर्देशन में किया जा रहा है। उनका कहना है कि गर्मी में पानी की ज़रूरत बढ़ जाती है, ऐसे में अभी से पानी स्टोर करने की क्षमता बढ़ाना बेहद ज़रूरी है। कठौता झील से गोमती नगर और इंदिरा नगर के कई इलाकों में जलापूर्ति होती है, इसलिए यहां सफाई और पानी भरने का काम प्राथमिकता पर लिया गया है।
कठौता झील से हटेगी 5 लाख क्यूबिक मीटर मिट्टी
कठौता झील की लंबाई लगभग 1200 मीटर और चौड़ाई 600 मीटर है। झील के इनलेट पॉइंट (जहां से पानी अंदर आता है) पर करीब डेढ़ लाख क्यूबिक मीटर मिट्टी जमा हो गई थी, जिसकी डी-शिल्टिंग का काम सोमवार से शुरू कर दिया गया है। अगले 20 दिनों में इनलेट की सफाई पूरी कर ली जाएगी। वर्तमान में कठौता झील मे 05 लाख क्यूबिक मीटर मिट्टी है।
17-18 मई की रात में शारदा नहर को सफाई के लिए बंद किया जाएगा, इसलिए उससे पहले झील में भरपूर पानी स्टोर कर लिया जाएगा। इसके लिए 25 अप्रैल से झील को भरने का काम शुरू किया जाएगा।
मशीनों से होगी गहराई तक सफाई
झील के बीच वाले हिस्से की सफाई के लिए ड्रेजिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे पानी की गहराई भी बढ़ेगी और झील की कुल क्षमता में सुधार होगा। जलकल विभाग 15 पोकलैंड मशीनें और डंपर की मदद से मिट्टी बाहर निकाल रहा है।
निकली मिट्टी का होगा सही इस्तेमाल
साफ की गई मिट्टी को यूं ही फेंका नहीं जाएगा। इस मिट्टी को अकबरनगर इलाके और मनोरथा गौशाला के निर्माण कार्यों में इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही, नगर निगम और एलडीए के प्रोजेक्ट्स में भी इसका उपयोग किया जाएगा, जिससे संसाधनों की बर्बादी नहीं होगी।
लोगों को मिलेगी गर्मी में राहत
इस पूरी प्रक्रिया का सीधा फायदा लखनऊ के लोगों को मिलेगा। गर्मियों में पानी की किल्लत एक आम समस्या रही है, लेकिन इस बार कठौता झील की सफाई और समय रहते जल संचयन से जलापूर्ति बेहतर होने की उम्मीद है। नगर निगम की इस पहल को शहरवासियों ने सराहा है और उम्मीद जताई है कि ऐसे ही काम समय पर होते रहें तो शहर की समस्याएं काफी हद तक कम हो सकती हैं।

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