जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं और फैसले आमजन तक पहुंचें इसके लिए कलेक्टर्स को अपनी जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए. उन्होंने अपनी नाराजगी जताते हुए सभी कलेक्टर्स को पारदर्शी, संवेदनशील, जवाबदेही देना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को कलेक्टर्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर समीक्षा कर रहे थे.
विभिन्न योजनाओं को लेकर वीसी के जरिये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की कलेक्टर्स और अधिकारियों से समीक्षाः
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री सहायता कोष, सिलिकोसिस योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना विशेषकर ग्रामीण, राजस्व विभाग से सम्बंधित प्रकरण एवं मुख्यमंत्री कार्यालय स्तर व राजस्थान संपर्क पोर्टल पर दर्ज परिवेदनाओं की स्थिति पर कलेक्टर्स और अधिकारियों के साथ
समीक्षा और चर्चा की.
सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने के लिए जवाबदेही के दिए निर्देशः
इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कलेक्टर्स और अधिकारियों को जनसुनवाई, सर्विस और डिलीवरी पर ध्यान देंने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं व फैसले आमजन तक पहुंचे इसके लिए कलेक्टर्स और अधिकारी अपनी-अपनी पारदर्शी, संवेदनशील, जवाबदेह प्रशासन देना सुनिश्चित करें. उन्होंने जनसमस्याओं को लेकर कहा कि अपनी जिम्मेदारी सुनिश्चित करते हुए जनसमस्याओं का त्वरित निस्तारण करें.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लंबित प्रकरणों को लेकर जताई नाराजगीः
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीसी में कहा कि सरकार की छवि खराब करने वाले ऐसे अधिकारी या कर्मचारी जो अपना काम नहीं करते उनकी की शिकायत डीओपी में दें. उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ने भू राजस्व से संबंधित मामलों को लेकर भी कलेक्टर्स और अधिकारियों से चर्चा की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने रास्तों के मामले लंबित रहने पर नाराजगी जताते हुए उन्हे जल्द से जल्द सुलझाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने पेंशन के लंबित मामलों को लेकर भी अधिकारियों को फटकार लगाते हुए दो टूक कहा कि मामलों का लटकाना किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं किया जाएगा. उन्होंने जल्द से जल्द लंबित पड़े मामलों को निस्तारित करने के निर्देश दिए