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मांडलगढ़: ‘आंकड़ों’ की बाजीगरी के बीच जनता का फूटा गुस्सा, भाषण खत्म होने से पहले ही खाली हुआ पंडाल!

मांडलगढ़: सीएम की जनसभा में ‘आंकड़ों’ का मायाजाल, धरातल पर प्यासी और लाचार दिखी जनता! भाषण से पहले खाली हुआ पंडाल

स्मार्ट हलचल | मांडलगढ़ विशेष रिपोर्ट | 20 दिसंबर, 2025


मांडलगढ़। भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़ में शनिवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का दौरा सरकारी आंकड़ों और फीता काटो अभियान की भेंट चढ़ गया। 322 करोड़ के विकास कार्यों की चमक उस वक्त फीकी पड़ गई, जब मुख्यमंत्री के देरी से आने और कुप्रबंधन के कारण सभा शुरू होने से पहले ही पंडाल खाली होना शुरू हो गया। 5 घंटे तक पंडाल में ‘कैद’ रही जनता के सब्र का बांध अंततः टूट गया।

5 घंटे तक पंडाल में कैद रही जनता, मूलभूत सुविधाएं नदारद

जनप्रतिनिधियों ने भीड़ जुटाने के चक्कर में ग्रामीणों को सुबह 11 बजे ही पंडाल में बैठा दिया था। दोपहर 1 बजे तक पंडाल भर गया, लेकिन प्रशासन की सख्ती ऐसी थी कि किसी को बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई। नगर पालिका प्रशासन द्वारा जनसुविधाओं की कोई व्यवस्था नहीं की गई। पानी का टैंकर पंडाल से इतनी दूर खड़ा था कि प्यासी महिलाओं की नजर तक वहां नहीं पहुंची। टॉयलेट की व्यवस्था न होने से महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ी।

📌 ज्वलंत मुद्दों पर मुख्यमंत्री का मौन:

मुख्यमंत्री का पूरा संबोधन केवल विकास के आंकड़ों और बजट की बाजीगरी तक सीमित रहा। क्षेत्र के किसानों को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री यूरिया खाद की किल्लत पर कोई बड़ी राहत देंगे, लेकिन उन्होंने एक शब्द नहीं बोला। वहीं बिजोलिया और मांडलगढ़ क्षेत्र में फल-फूल रहे अवैध खनन और रेत माफिया के आतंक पर भी मुख्यमंत्री ने चुप्पी साधे रखी।

मीडिया पर पहरा: प्रदर्शनी की ओर जाने से रोका

लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को भी इस कार्यक्रम में भारी समस्या का सामना करना पड़ा। टाइट सिक्योरिटी का बहाना बनाकर मीडियाकर्मियों को सरकारी प्रदर्शनी कवर करने से रोक दिया गया। प्रशासनिक अधिकारियों की तानाशाही के चलते कवरेज में आई बाधा से पत्रकारों में भारी रोष देखा गया।

खतरनाक कौतूहल: दीवारों पर चढ़ी भीड़

सुरक्षा के दावों की पोल तब खुल गई जब मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर देखने के लिए लोग विद्यालय की ऊंची और जर्जर दीवारों पर चढ़ गए। मौके पर मौजूद पुलिस बल इस भीड़ को नियंत्रित करने में नाकाम रहा। गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। हेलीकॉप्टर उतरने के आधे घंटे बाद मुख्यमंत्री मंच पर पहुंचे, तब तक जनता का गुस्सा चरम पर पहुंच चुका था।

📊 विकास कार्यों का लेखा-जोखा:

  • 322 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास।
  • 22 करोड़ की लागत से जीएसएस, स्वास्थ्य केंद्र, लैब और उप तहसील कार्यालय का लोकार्पण।
  • 300 करोड़ रुपये के नए विकास कार्यों की रखी गई नींव।
  • दिव्यांग जनों को स्कूटी का वितरण।

नोट: क्षेत्रवासियों की शिकायत है कि इन कार्यों के अलावा कोई नई बड़ी घोषणा मांडलगढ़ के लिए नहीं की गई।

मुख्यमंत्री का भाषण खत्म होने से पहले ही पंडाल खाली होना इस बात का प्रमाण था कि शहरवासी और ग्रामीण सरकारी दावों और अव्यवस्थाओं से नाराज हैं। शहर के गिने-चुने लोगों ने ही जनसभा में भाग लिया, जो प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के प्रति जन-आक्रोश को स्पष्ट करता है।

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