मांडल में आयोजित कार्यक्रम के जारी पोस्टर में स्थानीय विधायक व सांसद के नाम नदारद
भीलवाड़ा । गत् दिनों भाजपा जिलाध्यक्ष बनाने को लेकर हुई गहमागहमी के बाद से पार्टी पदाधिकारियों में अन्तर्हकलह थमता नजर नहीं आ रहा है। जिसका उदाहरण मांडल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जारी किए गए पोस्टर से साफ जाहिर हो रहा है। इस पोस्टर में शहर विधायक अशोक कोठारी व सांसद दामोदर अग्रवाल को कहीं जगह नहीं दी गई है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी रही तो मांडल आयोजन को लेकर भाजपा दो फाड़ नजर आई। इसके पीछे क्या राजनैतिक कारण रहे, ये स्पष्ट नहीं हो पाया है। लेकिन इस आयोजन में स्थानीय विधायक व सांसद को छोड़कर अन्य सभी विधायक, उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा भी मौजूद रहे। उधर, दुसरी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के आगमन से ठीक एक पुर्व मांडल विधायक भड़ाना द्वारा जारी पोस्टर ने राजनैतिक सरगर्मियां बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। एकता का पाठ पढ़ाने वाली और सबका साथ, सबका विकास का नारा देने वाली भारतीय जनता पार्टी का ये पोस्टर दिनभर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनकर रह गया की कार्यकर्ताओं और पार्टी के पदाधिकारियों को एक होने का ये कैसा पाठ पढ़ाया जा रहा है। ज्ञात रहें कि गत् दिनों प्रशांत मेवाड़ा को पुनः भाजपा जिलाध्यक्ष बनाने को लेकर “कहीं खुशी, कहीं गम” की बात कहीं ना कहीं अंदर ही अंदर कार्यकर्ताओ और पदाधिकारियों को खाए जा रही है। संभवतः स्थानीय विधायक, सांसद को पोस्टर में जगह नहीं दिए जाने का एक कारण ये भी माना सकता है।
सांसद अग्रवाल की पंसद चौधरी तो विधायक कोठारी की पसंद सांखला थे, लेकिन…!
गत् दिनों भाजपा जिलाध्यक्ष के चुनाव को लेकर काफी गहमागहमी देखने को मिली।जिसमें एक दर्जन से भी ज्यादा नाम जिला अध्यक्ष पद के लिए आए थे, उसमें सांसद दामोदर अग्रवाल की पसंद कल्पेश चौधरी तो शहर विधायक अशोक कोठारी की पसंद प्रदीप सांखला थे लेकिन प्रशांत मेवाड़ा को पुनः जिला अध्यक्ष बनाया जाना भी एक दूसरा बड़ा कारण माना जा सकता है, शायद इसी के चलते मांडल विधायक उदयलाल भड़ाना ने अपने पोस्टर में दोनों को (सांसद/विधायक) जगह नहीं दी। हालांकि यह बात स्पष्ट रूप से नहीं कही जा सकती। इसके पीछे और भी कोई राजनीतिक कारण या वजह हो सकती है। लेकिन, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के आगमन से ठीक पूर्व यह पोस्ट भाजपा की अंदरूनी कलह को साफ दर्शाता है।