साहित्यिक कृतियां समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम: धनखड़
शाहपुरा, मूलचन्द पेसवानी
राजकीय महाविद्यालय के लेक्चरर प्रोफेसर सत्यजीत जेटली के काव्य संग्रह “दी टीयर्स ऑफ दी डेड” का नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने कार्यालय में विमोचन किया। प्रोफेसर जेटली ने इस काव्य संग्रह में देश और दुनिया में घटित महत्वपूर्ण घटनाओं को कविताओं के माध्यम से व्यक्त किया है। सत्यजीत जेटली, जो कॉमनवेल्थ जूडो चैंपियनशिप जयपुर 2018 (सिल्वर) और 2019 इंग्लैंड (ब्रोंज मेडल) जीतकर देश का नाम रोशन कर चुके हैं, वर्तमान में राजकीय महाविद्यालय में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस काव्य संग्रह का द्वितीय संस्करण जुलाई में प्रकाशित होगा। प्रथम संस्करण की सीमित संख्या में प्रतियाँ प्रकाशित की गई थीं, जो हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध हैं।
प्रोफेसर जेटली ने बताया कि यह काव्य संग्रह युवाओं को जीवन के तूफानों से बिना हिम्मत हारे लड़ने के लिए प्रेरित करता है। इसके साथ ही, यह विश्व को युद्ध और अनावश्यक हिंसा की बढ़ती घटनाओं के प्रति चेतावनी देता है। महिलाओं के लिए, कविताएं उनके वजूद के लिए डट कर मुकाबला करने की प्रेरणा प्रदान करती हैं। समाज में बढ़ते हुए स्वार्थ पर चिंता व्यक्त करते हुए, कविताएं आपसी प्रेम और संबंधों की अहमियत को रेखांकित करती हैं।इस संग्रह में युवतियों और छात्राओं को भी प्रेरित किया गया है कि वे समाज में अन्याय का सशक्त तरीके से विरोध करें और खुद को इतना मजबूत बनाएं कि अपराधी उनसे डरें। संग्रह के इस पहले भाग में धरती से संबंधित हर विषय को गंभीरता से दर्शाया गया है।
प्रोफेसर जेटली ने कहा कि इस काव्य संग्रह का उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों को जागरूक और प्रेरित करना है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने विमोचन के अवसर पर प्रोफेसर जेटली के प्रयासों की सराहना की और उनके काव्य संग्रह को समाज के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की साहित्यिक कृतियां समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम बन सकती हैं। प्रोफेसर जेटली ने उपराष्ट्रपति के आशीर्वाद और समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।
राजकीय महाविद्यालय में प्रोफेसर जेटली की इस उपलब्धि से शिक्षा जगत में उत्साह का माहौल है। विद्यार्थियों और सहकर्मियों ने उनकी इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया और उनके काव्य संग्रह को पढ़ने के लिए उत्सुकता दिखाई। प्रोफेसर जेटली की इस काव्य संग्रह ने न केवल साहित्य प्रेमियों के बीच, बल्कि आम जनता के बीच भी एक विशेष स्थान बनाया है। उनकी कविताओं ने समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर करते हुए सभी को आत्ममंथन करने पर मजबूर किया है।प्रोफेसर जेटली की इस काव्य संग्रह के माध्यम से समाज को एक नई दिशा देने का प्रयास निश्चित ही सराहनीय है। अब देखना यह है कि उनका यह प्रयास समाज में कितनी गहराई तक अपनी छाप छोड़ता है।