रितिक मेहता
डूंगरपुर,स्मार्ट हलचल। विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर शुक्रवार को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। शहर से लेकर गांवों में आदिवासी वेशभूषा के साथ रैली, वाहन रैली निकाली गई। शहर के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आदिवासी सम्मेलन हुआ। जिसमें आदिवासी समाज को आगे बढ़ाने के लिए एकजुट होने का संदेश दिया गया। विश्व आदिवासी दिवस को लेकर भारत आदिवासी पार्टी और उसके कई संगठनों की ओर से जिला स्तरीय कार्यक्रम स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित किए गए। कार्यक्रम को लेकर सुबह से ही ग्राउंड में लोगों का पहुंचना शुरू हो गया। दोपहर तक लोग रैली, वाहन रैली, डीजे की धुनों के साथ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में पहुंचने लगे। युवक सफेद धोती, कुर्ता, माथे पर साफा, गोफन, मोर पंख बांधकर आदिवासी वेशभूषा में पहुंचे, जबकि महिलाएं और युवतियां आदिवासी ओढ़नी, घाघरा के साथ ही जेवरात पहनकर आई। खुले ग्राउंड में हजारों की भीड़ में जय जोहार के नारे गूंजते रहे। आदिवासी महापुरुषों की तस्वीरों के सामने दीप जलाए। इसके बाद कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें स्थानीय युवक और युवतियों ने कई रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी। जिसमें आदिवासी संस्कृति, वेशभूषा और रीति रिवाजों की झलक देखने को मिली। डूंगरपुर-बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश की आजादी के बाद भी आदिवासियों को अपने हक अधिकार नहीं मिले हैं। जिसके लिए आदिवासी लड़ रहा है। आदिवासी जल, जंगल और जमीन पर अपना हक चाहता है, लेकिन सरकार उनके इस अधिकार से वंचित करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए वे हमेशा लड़ते रहेंगे। इस मौके पर आसपुर विधायक उमेश मीना सहित कई आदिवासी नेता ओर संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।