(दीपक राठौर)
बिजौलियाँ|स्मार्ट हलचल|राजस्थान सरकार द्वारा सुशासन के दो वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में नगर पालिका बिजोलिया द्वारा स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, जन-सुविधा विकास तथा सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण को लेकर निरंतर जनहितकारी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। इन्हीं प्रयासों के अंतर्गत ऐतिहासिक बिजोलिया ठिकाने के पुराने परकोटे की सफाई एवं संरक्षण हेतु श्रमदान अभियान निरंतर जारी है, जिसमें आमजन की सक्रिय सहभागिता देखने को मिल रही है।
इसी क्रम में आज दिनांक 21 दिसंबर 2025 को आयोजित श्रमदान कार्यक्रम में नगर के नागरिकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। कार्यक्रम में हर्षेंद्र कुमारी एवं मृत्युंजय सिंह, सहित अनेक गणमान्य नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता एवं युवा स्वयंसेवक श्रमदान हेतु उपस्थित रहे। सभी प्रतिभागियों ने मिलकर बड़े दरवाजे एवं परकोटे क्षेत्र की व्यापक सफाई की, लंबे समय से गिरे हुए पत्थरों को एकत्र कर सुव्यवस्थित किया तथा ऐतिहासिक संरचना के संरक्षण हेतु आवश्यक श्रम किया। इस अवसर पर बड़े दरवाजे पर लगे पुराने ध्वज को सम्मानपूर्वक उतारकर नवीन ध्वज फहराया गया, जिससे पूरे परिसर में उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बना।
कार्यक्रम के दौरान अधिशाषी अधिकारी पंकज कुमार मंगल ने जानकारी देते हुए बताया कि फहराया गया नवीन ध्वज हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में नई ऊर्जा और नवचेतना का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार बड़े दरवाजे के बाहरी हिस्से पर चित्रकारी के माध्यम से मेवाड़ रियासत के गौरवशाली इतिहास को दर्शाया गया है, उसी प्रकार बड़े दरवाजे के भीतर की ओर भी सुंदर, कलात्मक एवं भक्तिमय चित्रांकन किया जाएगा। इससे यह ऐतिहासिक स्थल न केवल संरक्षित रहेगा, बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी और अधिक आकर्षक बनेगा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह पहल किसी सरकारी योजना के अंतर्गत संचालित नहीं है, बल्कि यह पूरी तरह से एक जन अभियान है। इस अभियान का उद्देश्य आम नागरिकों के श्रम, सहयोग और सहभागिता से क्षेत्र में हेरिटेज वॉक-वे का विकास करना है, जिससे आने वाली पीढ़ियों को अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने का कार्य किया जा सके। उन्होंने कहा कि जितनी अधिक संख्या में लोग इस अभियान से शीघ्र जुड़ेंगे, उतनी ही तेजी से इसके सकारात्मक और स्थायी परिणाम सामने आएंगे।
इस अवसर पर विधायक खंडेलवाल ने कार्यक्रम में आमजन के उत्साह, समर्पण और सहभागिता की सराहना की। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे अधिक से अधिक संख्या में इस जन अभियान से जुड़ें तथा ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण एवं संवर्धन में अपना सक्रिय योगदान दें, ताकि बिजोलिया की सांस्कृतिक पहचान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सके।


