सुश्री शिवानी पारीक को आई आई टी मुम्बई द्वारा विद्यावाचस्पति(Phd) की उपाधि प्रदान की गई।
— 05 वर्षो में पूरी हुई उपाधि,उर्जा के क्षेत्र में बनेगी कारगर मिसाल
कोटा/मुंबई। स्मार्ट हलचल/आई आई टी मुंबई के 62 वें दीक्षांत समारोह में सुश्री शिवानी पारीक को उनके शोध पर पी एच डी की डिग्री दी गई। डॉ शिवानी पारीक ने “डेवलपमेंट ऑफ स्क्रीन – प्रिंटेबल सिल्वर पेस्ट फॉर फ्रंट साइड मेटेलाइजेशन ऑफ सीलिकन सोलर सेल” विषय पर आई आई टी मुंबई के प्रख्यात वैज्ञानिक व प्रोफेसर पराग भार्गव के निर्देशन में यह शोध कार्य पूर्ण किया है। पिता सत्यप्रकाश पारीक ने बताया कि शिवानी कक्षा 11 व 12 पढाई कोटा के तलवंडी स्थित निजि विद्यालय में की। इसके उपरान्त बीटेक व एमटेक का अध्ययन उन्होने राजस्थान यूनिवर्सिटी से पूरी की और पांच वर्षो की मेहनत के बाद अपनी शोध उपाधि पूरी की। पिता सत्यप्रकाश ने बताया कि कोटा विश्वविद्यालय के समीप उनका नीजि फ्लेट है वह स्वंय बारां कलक्टेट में लेखाअधिकारी है एवं भाई डॉ सिद्धार्थ श्री श्री रविशंकर आयुर्वेद चिकित्सालय बेंगलोर में डेन्टिस्ट है।
इस अवसर पर प्रोफेसर भार्गव ने परिजनो को प्रयोगशाला में आमंत्रित कर, बताया कि शिवानी भारत मे इस विषय पर शोध करने वाली प्रथम व्यक्ति है। इस शोध से ऊर्जा के क्षेत्र में परम्परागत स्त्रोतों की सीमित बाध्यता के दृष्टिगत सूर्य के प्रकाश की अनंत एवं सुलभ उपलब्धता के कारण भविष्य में देश को सोलर एनर्जी में किये जा रहे प्रयासों में आत्मनिर्भर बनने में सफलता मिलेगी। डॉ शिवानी पारीक वर्तमान में अडानी सोलर में तकनीकी मैनेजर के पद पर काम करते हुए इस मुहीम को आगे बढ़ा रही है।शोध के मध्य शिवानी ने सिल्वर पेस्ट पेन का भी आविष्कार किया जिसके द्वारा किसीभी बोर्ड,दीवार,या पेपर पर सर्किट बनाकर विधुत प्रवाह कर सकते है ।बच्चो के लिए इस पेन से सर्किट पैनल्स बनाकर कई रोचक जानकारियां दी गई है। आई आई टी मुम्बई इसका उपयोग प्रगतिशील है।