इंजीनियर रवि मीणा
कोटा :स्मार्ट हलचल/नगर निगम कोटा दक्षिण के कांग्रेस पार्षदों द्वारा अपने-अपने वार्डों में विकास कार्यों से संबंधित टेंडर फाइलों के कार्यादेश जारी करवाने की माँग को लेकर पिछले 9 दिनों से चल रहा शांतिपूर्ण धरना आज दसवें दिन आमरण अनशन में परिवर्तित हो गया। अब तक नगर निगम प्रशासन एवं भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा पूर्णतः उपेक्षा का रवैया अपनाया गया है। कांग्रेस पार्षदों द्वारा बार-बार ज्ञापन, विरोध प्रदर्शन, जल सत्याग्रह, भिक्षा यात्रा, रक्त से पत्र और शांतिपूर्ण आंदोलन किए गए, परंतु न तो निगम प्रशासन ने ध्यान दिया और न ही भाजपा सरकार ने कोई जवाबदेही दिखाई। इस उपेक्षा से व्यथित होकर आज दिनांक 16 जुलाई 2025, दोपहर 12 बजे से कांग्रेस के 10 पार्षदों ने आमरण अनशन प्रारंभ कर दिया। आमरण अनशन पर बैठने वाले पार्षद इस प्रकार हैं –
उपमहापौर पवन मीणा, पार्षद देवेश तिवारी, इसरार मोहम्मद, अंशु श्रृंगी, कुलदीप गौतम, अनुराग गौतम, कुलदीप प्रजापति, सोनू अब्बासी, बबलू कसाना एवं सोनू भील। इन जनप्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि यह आमरण अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक नगर निगम प्रशासन निर्माण कार्यों से संबंधित लंबित टेंडर फाइलों के आदेश जारी नहीं करता। यह लड़ाई अब विकास के अधिकार और लोकतंत्र की गरिमा की रक्षा के लिए है।
धरनास्थल पर आमरण अनशन के साथ उपस्थिति दर्ज कराने वाले अन्य पार्षदों में शामिल हैं –
पार्षद शालिनी गौतम (महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष), सलिना शेरी, शिवांगिनी सोनी, मोहनलाल नन्दवाना, प्रफुल्ल पाठक, योगेन्द्र शर्मा, साहेब हुसैन, धनराज चेची, इरफान घोसी। यह आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर है। जनता के हितों को दरकिनार कर सत्ता के दंभ में चूर भाजपा सरकार एवं उसके अधीनस्थ नगर निगम अधिकारियों को अब जवाब देना ही होगा।