ओम जैन
शंभूपुरा।स्मार्ट हलचल|राजस्थान सरकार के पूर्व राज्यमंत्री सुरेंद्रसिंह जाड़ावत के नेतृत्व में शहर एवं ग्रामीण कांग्रेस के तत्वाधान में हजारों की संख्या में पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने शहीद स्मारक से कलेक्ट्री चौराहे तक पैदल मार्च निकालते हुए मानव श्रृंखला बनाते हुए जोरदार प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर एवं डीएफओ को ज्ञापन सौंपा।
इस अवसर पर पूर्व राज्यमंत्री ने संबोधित करते हुए कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अरावली बचाने को लेकर तथ्यात्मक रिपोर्ट के आधार पर केंद्र एवं राज्य सरकार को घेरा है उनसे प्रेरित होकर चित्तौड़गढ़ विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने आज जोरदार प्रदर्शन किया है। ज्ञापन में उन्होंने कहा है कि पर्वतमाला के संरक्षण हेतु सुप्रीम कोर्ट के नवंबर 2025 के फैसले पर पुनर्विचार एवं समीक्षा याचिका दायर करने की मांग महामहिम राष्ट्रपति से की है उन्होंने कहा है कि पर्वतमाला के संरक्षण के महत्व को ध्यान में रखते हुए, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नवंबर 2025 में पर्यावरण मंत्रालय की कमेटी की सिफारिशों को स्वीकार करने संबंधी फैसले पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं। इस फैसले में अरावली पहाड़ियों की नई परिभाषा निर्धारित की गई है, जिसमें केवल 100 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाली भूमि को ही “अरावली हिल” माना जाएगा।
यह परिभाषा अरावली की 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली अधिकांश पहाड़ियों एवं टीलों को संरक्षण के दायरे से बाहर कर देगी, जिससे अवैध खनन, रियल एस्टेट विकास एवं अनियंत्रित निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। अरावली पर्वतमाला उत्तर भारत की प्राकृतिक ‘ग्रीन वॉल’ है, जो थार मरुस्थल के विस्तार को रोकती है, भूजल रिचार्ज करती है, वायु प्रदूषण नियंत्रित करती है तथा जैव विविधता का संरक्षण करती है। इसका विनाश राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर एवं गुजरात के पर्यावरण, जल सुरक्षा एवं जलवायु पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले पर तत्काल समीक्षा याचिका (रिव्यू पिटीशन) दायर करे, अरावली पर्वतमाला की पुरानी व्यापक परिभाषा को बहाल किया जाए तथा सभी पहाड़ियों एवं टीलों को पूर्ण संरक्षण प्रदान किया जाए, अरावली क्षेत्र में किसी भी नए खनन लीज या निर्माण की अनुमति न दी जाए, राजस्थान अरावली से 34 जिले प्रभावित हो रहे है, 1.34 लाख वर्ग किलोमीटर एरिया प्रभावित होगा।
अरावली को राष्ट्रीय प्राकृतिक विरासत घोषित कर सख्त संरक्षण नीति लागू की जाए मनरेगा के संदर्भ में लिखा है कि मनरेगा को पूर्ववत बहाल किया जाए, कार्य दिवसों की संख्या बढ़ाई जाए और मजदूरी दरों में सुधार किया जाए,मनरेगा में जो संशोधन करके उसका नाम महात्या गाँधी रोजगार गारन्टी योजना (मनरेगा) की जगह जी राम जी योजना करके तथा उसमें जो संशोधन करके नियम बनाये है वो मजदूर वर्ग के हित में नहीं है।मनरेना योजना में किये गये संशोधन को निरस्त कर पूर्व की भांति मनरेगा को ही रखा जायें तथा नियम भी पूर्व की भांति किये जाये। योजना के कार्य दिवसों को बढ़ा कर 100 दिन की एवज में न्यून्तम 150 दिन कार्य दिवस किये जाये।
प्रवक्ता नवरतन जीनगर ने बताया कि कार्यक्रम में वरिष्ठ नेता त्रिलोक चंद जाट, प्रेम प्रकाश मूंदड़ा, शहर अध्यक्ष अनिल सोनी, ग्रामीण अध्यक्ष विक्रम जाट, प्रदेश सचिव रणजीत लोट, संगठन महामंत्री महेंद्र शर्मा, विधानसभा चुनाव प्रभारी नगेंद्र सिंह राठौड़, पूर्व प्रधान पुष्पा जाट, पूर्व सभापति रमेशनाथ योगी, उप सभापति कैलाश पंवार सहित हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता पैदल मार्च करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे।


