अपने ही विभाग के व्यवस्थापक को नही दिला पा रहे न्याय, वायरल हो रहा खबर वाला टीशर्ट।
ओम जैन शंभूपुरा।
शंभूपुरा। प्रदेश में भाजपा कि भजनलाल सरकार उनके मंत्री ओर अधिकारी कैसे काम कर रहे यह तो इस बात से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश के सहकारिता मंत्री गौतम दक अपने ही जिले ओर अपने ही विभाग के व्यवस्थापक को न्याय नही दिला पा रहे है।
सोशल मीडिया पर कारुण्डा के भूतपूर्व व्यवस्थापक पारस मल जैन के पुत्र पुत्री का एक फोटो वायरल हो रहा है जिसमें वो एक सफेद कलर का टीशर्ट पहने हुए हैं और उस टीशर्ट पर दोनों तरफ एक अखबार की फोटो प्रिंट करवाई हुई है जिस पर लिखा हुआ है कि “मंत्री जी के गृह जिले में पीड़ित को नहीं मिल रहा न्याय”।
पारसमल जैन और उनके परिवारजनों का कहना है कि वास्तव में हकीकत भी यही है कारुण्डा के व्यवस्थापक का ये प्रकरण सोशल मीडिया की सुर्खियां भी रहा है और इनके द्वारा लगातार चित्तौड़गढ़ के सहकारिता विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के गलत कार्यवाहियों के कई सबुत अखबारों और सोशल मीडिया के माध्यम से विभाग के जिम्मेदार लोगों तक पहुचाने की कोशिश की गई, लेकिन यहाँ अंधों में काना राजा मुहावरा चरितार्थ हो रहा है। सहकारिता मंत्री गौतम दक को रजिस्टर्ड डाक से शिकायत पत्र भी दिए परन्तु मंत्री गौतम अपने विभाग के अधिकारियों पर दस्तावेजों के आधार पर कोई कार्यवाही नहीं करना चाहते हैं तभी सब की जानकारी होते हुए भी अनजान ओर मूकदर्शक बने हुए हैं। अब व्यवस्थापक के परिवार ने ये नया नुस्खा अपनाया है, जिसमे दोनों बेटे और बेटी तीनो ने एक खबर छपी टीशर्ट पहन रखा है, जिससे कि उनको न्याय मिल सके।
ब्याज सहित पैसे दिलाने का वादा करने वाले मंत्री दक अब क्यो है लाचार
जब से राजस्थान में भाजपा की सरकार बनी है तब से आज तक लगभग 20 महीने होने आए हैं और सहकारिता मंत्री गौतम दक को इस प्रकरण की जानकारी जब वो भाजपा जिलाध्यक्ष थे तब से है और उस समय उन्होंने पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी, भूतपूर्व व्यवस्थापक पारस मल जैन ओर बैंक के कर्मचारियों के बीच हुई बैठक में कहा था कि भाजपा की सरकार आने पर ब्याज सहित व्यवस्थापक के पैसों का भुगतान होगा तो अब गौतम दक की ऐसी क्या मजबूरी है जब वो खुद सहकारिता मंत्री होते हुए और अधिकारियों के खिलाफ सैकड़ो सबुत होने के बाद ओर वो दो दो जाँचो में निर्दोष होने के बाद भी व्यवस्थापक पारस मल जैन को न्याय नहीं दिला पा रहे हैं।
गौरतलब है कि इसी तरह के तरह के टीशर्ट पहन कर धरियावद के विधायक थावरचंद भी विधानसभा में गए थे शायद इसी से प्रेरित होकर व्यवस्थापक के पुत्र पुत्री ने ये कदम उठाया है और अब ये टीशर्ट पहनकर न्याय की मांग कर रहे है।
बहरहाल सवाल यहाँ यह उठता है कि सहकारिता मंत्री दक अपने ही जिले में अपने ही विभाग के व्यवस्थापक जिसे कोंग्रेस सरकार के समय तो न्याय दिलाने का वादा करते है लेकिन जब भाजपा सत्ता में आ जाती है और खुद के पास ही सहकारिता विभाग तो उसके बाद भी न्याय नही दिला पाना आखिर मंत्री दक की कोनसी मजबूरी को दर्शाता है या तो फिर मंत्री दक अपना वादा नही निभाना चाहते या अपने अधिकारियों कर्मचारियों को बचाना चाहते यह तो वही बता पाएंगे लेकिन फ़िलहाल खबर छपा यह टीशर्ट जिले भर में सुर्खियां में है और सहकारिता विभाग और मंत्री की किरकिरी हो रही इस बात से भी इंकार नही किया जा सकता।
अब देखना यह है कि क्या अब भी मंत्री दक इस पर संज्ञान लेंगे या ऐसे ही देखते रहेंगे यह तो समय कर गर्त में है।