20 बीघा फाउंडेशन और चारदीवारी तोड़ी जाएगी – ब्रांडेड सामग्री से दोबारा निर्माण का आदेश
दिलखुश मीणा
सावर (अजमेर) @स्मार्ट हलचल|जनजाति आवासीय विद्यालय, गिरवरपुरा नापाखेड़ा में निर्माण का मामला अब खुला घोटाला बन गया है। क्षेत्रवासियों की सतर्कता के बाद सावर उपखंड अधिकारी आस्था शर्मा को ज्ञापन सौंपा गया, जिसके बाद शुक्रवार को उदयपुर और जयपुर से आई जांच टीम ने मौके पर जाकर हर ईंट, कोलम और फाउंडेशन का बारीकी से निरीक्षण किया।
जांच टीम में NABCONS के सीनियर स्ट्रक्चर इंजीनियर, सपोर्ट इंजीनियर अक्षय सिंह, अकाउंटेंट महेंद्र यादव, सावर विकास अधिकारी चिरंजी लाल वर्मा और कनिष्ठ सहायक पुष्पेन्द्र शर्मा शामिल थे।
टीम ने खुलासा किया कि चारदीवारी की नींव केवल 1.5 फीट गहरी थी, जबकि मानक अनुसार 4 फीट होनी चाहिए। फाउंडेशन निर्माण भी निर्धारित मापदंडों के खिलाफ पाया गया। इसके साथ ही, गिट्टी, सीमेंट और ईंटें सहित सभी निर्माण सामग्री घटिया गुणवत्ता की निकली।
जांच टीम ने ठेकेदार को चेतावनी देते हुए कहा,
> “BDO व संबंधित ठेकेदार को निर्देश दे दिया गया है कि घटिया दीवार और फाउंडेशन को तोड़कर सही मापदंड और ब्रांडेड सामग्री से पुनर्निर्माण करवाया जाए।”
इस आदेश के अनुसार लगभग 20 बीघा में बनी चारदीवारी और फाउंडेशन को तुरंत तोड़कर दोबारा निर्माण कराया जाएगा। टीम ने कहा कि इस तरह की लापरवाही सिर्फ बच्चों की सुरक्षा ही नहीं, बल्कि सरकारी धन की बर्बादी भी है।
निर्माण कार्य की स्वीकृति स्वच्छ परियोजना निदेशालय, उदयपुर द्वारा दी गई थी। परियोजना के अनुसार कार्य 29 सितंबर 2023 से शुरू होकर 28 दिसंबर 2024 तक पूरा होना था, लेकिन कार्य समय पर पूरा न होने पर विभाग ने अवधि 27 जून 2026 तक बढ़ा दी है।
यह निर्माण कार्य प्रतापगढ़ की जैन कंस्ट्रक्शन कंपनी को लगभग 14.35 करोड़ रुपए की लागत से आवंटित किया गया है।
स्थानीय लोग अब राहत की सांस ले रहे हैं। उनका कहना है कि समय रहते कार्रवाई न होती, तो भवन जल्द ही खतरनाक स्थिति में बदल सकता था। विशेषज्ञों का कहना है कि यह लापरवाही बच्चों की सुरक्षा के साथ-साथ सरकारी धन की बर्बादी का भी गंभीर मामला है।