ब्राण्डेड फेक्ट्री पर टैक्स चोरी और नियम विरूद्ध भूमि का उपयोग करने का आरोप
भ्रष्टाचार के जरिए टैक्स चोरी और भूमि उपयोग के आरोप
ब्राण्डेड फैक्ट्री मामले में जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक के जारी खण्डन
को लेकर निगम पार्षद सिसोदिया ने फिर लिखा पीएम मोदी को खत
सिसोदिया बोले बसंत गांधी ने खुद कुबूल किया वे 3-4 साल कच्ची स्लीप के आधार पर प्रोडक्ट का विक्रय कर रहे थे।
भीलवाड़ा,स्मार्ट हलचल ( महेन्द्र नागौरी) शहर के चित्तौड़ रोड़ स्थित ब्राण्डेड फैक्ट्री के मामले में जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक द्वारा11अप्रेल को सोशल मीडिया,प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रसारित खबरों को लेकर एक खण्डन जारी किया जिसमें माना कि जमीन सरेण्डर करके पुनः उसी इकाई के नाम पर आवंटन मांगा गया है जिसका राज्य सरकार से मार्गदर्शन लिया जा रहा है ऐसी स्थिति में उक्त इकाई के संचालन की अनुमति किस आधार पर की गई।
निगम पार्षद सिसोदिया पुनः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र प्रेषित कर बताया कि चित्तौड़ रोड़ स्थित गांधी फैक्ट्री के नाम पर औद्योगिक इकाई के संचालन के लिए पहले जमीन अलोटमेन्ट की गई थी जिस फैक्ट्री की जमीन को सरेण्डर कराया गया उसके बाद जिला प्रशासन द्वारा पुनः इसी जमीन को उन्हीं व्यक्तियों को नियम विरूद्ध जाकर ब्राण्डेड फैक्ट्री ग्लोबल लिमिटेड कंपनी/मेसर्स यूनिक फेब्रिकेयर प्रा.लि. के निदेशक मंडल में बसंत गांधी, लक्ष्मी लाल गांधी, पुनीता गांधी, ऐश्वर्या त्रिपाठी, और मोनिका लालवानी नाम पर पुनः अलोटमेन्ट करने को लेकर कर राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगे जाने की बात की जा रही है ।
सिसोदिया ने कहा कि फिर किन नियमों के तहत उक्त जमीन पर वर्तमान में आज तक ब्राण्डेड फैक्ट्री के संचालन की अनुमति दी गई है। इसके दस्तावेजों की संबंधित एजेन्सी से जांच करवाई जानी चाहिए इसी के चलते बेसकिमती जमीन (अनुमानित राशि 50 करोड़) का राजस्व नुकसान सरकार को प्रशासनिक अधिकारियों के भ्रष्टाचार के चलते हो रहा है। यही नहीं खुद प्रबंधक बसंत गांधी ने
शुक्रवार को स्थानीय मीडिया में बयान जारी करते हुए कुबूल किया कि 3-4 साल कच्ची स्लीप के आधार पर प्रोडक्ट का विक्रय किया जा रहा था जिससे यह साबित होता है कि उक्त इकाई द्वारा न सिर्फ जमीन का दुरूपयोग किया रहा है साथ ही अधिकारियों से मिलीभगत करते हुए करोड़ों के टेक्स चोरी को भी अंजाम दिया गया है। इन चारों प्रबंधकों ने प्रशासन के साथ मिलीभगत कर भ्रष्टाचार किया उसकी निष्पक्ष जांच कराई जाकर दोषी अधिकारियों और इन चारों व्यक्तियों के खिलाफ निम्न नियमों के आधार पर कानूनी कार्यवाही करते हुए राजस्व की भरपाई करवाई जाये।
ये है राजस्व का नियम :-
1.भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत धारा 420 अगर राजस्व चोरी धोखाधड़ी से की गई हो। धारा 468 अगर दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा किया गया हो। धारा 471 फर्जी दस्तावेज को असली बताकर उपयाग करना।
2.आयकर अधिनियम, 1961 के अंतर्गत धारा 276 आयकर की चोरी करने या कम दिखाने पर यह धारा लगती है। इसमें जान बूझकर चोरी के लिए सजा हो सकती है (3 महीने से 7 साल तक की समजा जुर्माना)
3. जीएसटी अधिनियम, 2017 के अंतर्गतः धारा 122 अगर कोई व्यक्ति टैक्स चोरी करता है, गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट लेता है, फर्जी बिल बनाता है, तो यह धारा लागू होती है। धारा 132 जानबूझकर टैक्स चोरी करने पर गिरफ्तारी और सजा का प्रावधान है। इसमें 1 से 5 साल तक की सजा हो सकती है।
4. सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 (Customs Act) धारा 135: तस्करी या सीमा शुल्क की चोरी के मामलों में यह धारा लागू होती है।
अगर आप चाहें तो आप यह भी बता सकते हैं कि राजस्व चोरी किस संदर्भ में हुई है आयकर, जीएसटी, सीमा शुल्क या अन्य कृत्य की आपको और सटीक जानकारी दे सकूं।
सिसोदिया ने उक्त मामले में ब्राण्डेड फैक्ट्री ग्लोबल लिमिटेड या मेसर्स यूनिक फेब्रिकेयर प्रा. लि. कम्पनी के जमीन अलॉटमेन्ट और कम्पनी द्वारा किये जा रहे जीएसटी व अन्य कर की चोरी की निष्पक्ष जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही की मांग पीएम मोदी से की है ।