ओम जैन
स्मार्ट हलचल|परिवादी सुरेश चंद खटीक पिता भेरूलाल खटीक निवासी गांधीनगर चित्तौड़गढ़ व अभियुक्त गिरिराज गर्ग पिता बृजमोहन गर्ग निवासी नगर पालिका कॉलोनी चितौड़गढ़, जो कि ध्रुव इन्फोटेक के प्रोपराइटर है दोनों के बीच अच्छी जान पहचान होने से अभियुक्त गिरिराज गर्ग ने परिवादी सुरेश चंद खटीक से एक बार और दिनांक 1.11.2013 को ₹4,00,000 नकद उधार प्राप्त किया जिसकी अदायगी बदलें अभियुक्त ने अपने बैंक खाता कॉरपोरेशन बैंक शाखा चित्तौड़गढ़ का एक और चेक भरकर हस्ताक्षर करके परिवादी को सपुर्द किया। उक्त चेक को परिवादी ने भुगतान प्राप्ति हेतु अपने बैंक खाते में प्रस्तुत किया, लेकिन परिवादी को बिना भुगतान के उक्त चेक अनादरित हो गया। इस पर परिवादी ने अपने अधिवक्ता एडवोकेट ओमप्रकाश शर्मा, राजेंद्र सिंह चौहान, सत्यनारायण माली के माध्यम से नियमानुसार अभियुक्त को नोटिस प्रेषित बावजूद नोटिस अभियुक्त ने परिवादि को भुगतान नहीं किया। इस पर परिवादी ने न्यायालय विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट एन आई एक्ट प्रकरण चित्तौड़गढ़ में परिवाद प्रस्तुत किया।
न्यायिक मजिस्ट्रेट एन आई एक्ट चित्तौड़गढ़ के पीठासीन अधिकारी रितिका श्रोती ने दोनों पक्षों के तमाम गवाह सबूत दस्तावेज बहस का अवलोकन करते हुए उक्त प्रकरण का निस्तारण करते हुए अभियुक्त गिरिराज गर्ग को धारा 138 नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के अपराध के तहत दोषी घोषित कर अभियुक्त को 6 लाख रुपए के अर्थ दंड से दंडित करते हुए 1 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। अदम आदाएगी दो माह का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई।
इसी तरह अभियुक्त ने परिवादी से इस लेनदेन से पूर्व भी दिनांक 1 अगस्त 2013 को परिवादी सुरेश चंद्र खटीक से ₹5,00,000 नकद प्राप्त किया जिसकी अदायगी के बदले भी अभियुक्त ने अपने बैंक खाते का चेक दिया जो अनादरित हो जाने पर न्यायालय विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट एन आई एक्ट प्रकरण चित्तौड़गढ़ के पीठासीन अधिकारी रितिका श्रोती ने दिनांक 22 जनवरी 2025 को भी अभियुक्त गिरिराज गर्ग को₹8,00,000 के अर्थ दंड से दंडित करते हुए 1 वर्ष 6 माह के कारावास की सजा सुनाई, अदम अदायगी 3 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई थी।