बन्शीलाल धाकड़
नीमच, स्मार्ट हलचल/स्कन्द-पुराण सहित अन्य ग्रंथों में वर्णन मिलता है की इस धरती को धारण करने वाले सात सुदृढ़ स्तंभ है 1 जो मूलतः सभी शास्त्रोक्त लक्षणों से युक्त भारतीय गौमाता 2 शास्त्रानुशासित जीवन जीने वाले विप्र (ब्राह्मण) 3 वेद 4 सती नारी 5 सत्यवादी 6 अलुब्ध 7 दानशील यथा –
गोभिर्विप्रैश्च वेदैश्च सतीभि: सत्यवादिभि:।
अलुब्धैर्दानशीलश्च सप्तभिर्धार्यते मही। इनमें पहला स्तंभ गाय को लिखा है। कहने का तात्पर्य यह है कि यदि पहला स्तंभ सही तरीके से सुरक्षित हो तो पीछे वाले सभी सुरक्षित अपने आप हो जाएंगे और पहला स्तंभ नष्ट हो गया तो पीछे वाले सभी स्तंभ अपने आप नष्ट हो जाएंगे इसलिए पहले की सुरक्षा अत्यंत आवश्यक है।राष्ट्रीय गौसेवा संघ भारत के राष्ट्रीय गौकथा प्रवक्ता एवं प्रचारक दशरथानंद सरस्वती के सानिध्य में गो सेवा करने वाले गो प्रसादम् परिवार की और से गऊ नन्दी सेवा धाम (उपचार केन्द्र) नीमच जहां केवल घायल गौवंश की निःस्वार्थ भाव से सेवा की जाती है वहां जाकर छोटीसादड़ी से गुप्त परिवार ने अपनी बिटिया के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में सभी घायल गौवंशों को गुड़ खिलाने के लिए राशि प्रदान की गयी जिसे गो प्रसादम् परिवार के विशिष्ट सदस्यों ने पं.परशराम शर्मा मालखेड़ा पं.भागीरथ शर्मा नीमच और पं.दिनेश शर्मा खेरमालिया ने मिलकर घायल गौवंश को गुड़ खिलाकर सेवा की।गऊ नन्दी सेवा धाम नीमच जहां तीव्र गति से वाहन चलाने वाले टक्कर मारकर भाग जाते हैं,आवारा कुत्तों द्वारा काटकर घायल कर दिया जाता है अथवा जिन लोगों द्वारा (दुध के लालची लोगों द्वारा दुध नही देने की स्थिति में छोड़ दिया जाता है) निराश्रित छोड़ दिया जाता है और पोषण के अभाव में बिमार हो जाते हैं ऐसे गोवंश की सेवा की जाती है। ऐसे स्थान पर आकर अपनी बालिका के जन्म दिवस पर सेवा देना निश्चित ही पुण्य प्रदान करने वाला कार्य है।गऊ नन्दी सेवा धाम से इस अवसर पर गो प्रसादम् परिवार की और से बालिका को जन्मदिन की बधाई देकर सभी गो सेवकों को धन्यवाद देकर आभार जताया और कहा कि गो प्रसादम् परिवार का कार्य इसी प्रकार उत्तरोत्तर वृद्धि करता रहे उसके लिए सभी सनातनी गो सेवा में अपना समय दान अवश्य करें और अपने अपने क्षेत्र में निराश्रित गोवंश की सेवा कर मानव जीवन धन्य बनाएं।