ओम जैन
शंभूपुरा।स्मार्ट हलचल|चित्तौड़गढ़ जिले में निम्बाहेड़ा जो सट्टाबाजी में प्रथम स्थान पर आता था अब छोटे छोटे गांव भी इसका शिकार होने लगें है, गांवो में आईपीएल के सट्टाबाजी की धूम मची हुई है, जिन्हें राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है, जिसके चलते पुलिस कार्यवाही भी नही हो पा रही जिससे इनके होंसले ओर अधिक बुलन्द हो रहे है।
विश्वशनीय सूत्रों से जानकारी में सामने आया कि शंभूपुरा थाना क्षेत्र में राजनीतिक संरक्षण में बेखोफ सट्टाबाजार पनप रहा है जिसमे मुख्यतः सावा कस्बा, गिलूंड ओर शंभूपुरा से जुड़े आसपास के करीब आधा दर्जन गांवों में बेरोकटोक सट्टेबाजी से युवाओं का भविष्य बर्बाद किया जा रहा है।
मुम्बई तक जुड़े है इनके तार
सावा ओर गिलूंड गांव जो दोनों ही शंभूपुरा थाने में आते है, जानकारी में सामने आया कि यहाँ पर जो सट्टेबाजी हो रही है उन सटोरियों के तार मुम्बई तक जुड़े हुए है, ओर बड़े स्तर पर सट्टेबाजी का यह बर्बादी का सारा खेल सफेदपोश के पीछे हो रहा है, जहाँ अभी तक पुलिस का पहुचना भी सम्भव नही हो पाया है।
सट्टेबाजी का केंद्र बना हुआ है सावा कस्बा
जिले के शंभूपुरा थाने का सावा कस्बा वैसे भी हमेशा सुर्खियों में रहा है लेकिन पिछले कुछ सालों ओर विशेषकर इस आईपीएल सीजन में सट्टेबाजी को लेकर जिले में सट्टेबाजी के सबसे बड़े बाजार के रूप में उभरकर आया है जो सीधा सीधा युवाओ का भविष्य बर्बाद करने का खेल चल रहा है, जिस पर अभी तक तो जिला पुलिस लगाम लगाने में कामयाब नही हो पाई है।
राजनीतिक संरक्षण में युवाओं का भविष्य हो रहा बदनाम
जिले में हो रही क्रिकेट सट्टेबाजी में शंभूपुरा थाना क्षेत्र निम्बाहेड़ा के बाद दूसरा बड़ा केंद्र बिंदु बन गया है, यहाँ सट्टेबाजी खुलेआम चल रही है जिन्हें राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है यहाँ तक कि यहाँ के स्थानीय नेताओं से लेकर जिला मुख्यालय तक ने बड़े नेता अपना भरपूर संरक्षण देकर इस बर्बादी के खेल से युवाओं का भविष्य बर्बाद करने में अपना योगदान दे रहे है, जिसमे सावा ओर गिलूंड का नाम प्रमुखता से है।
पूर्व में कई युवा कर चुके आत्महत्या
शंभूपुरा क्षेत्र की बात करे तो पिछले कुछ सालो में ही आधा दर्जन से अधिक युवाओं ने आत्महत्या कि है, जिसके पीछे भी कही ना कही ऐसे ही कारण होना सामने आया है, बाबजूद इसके प्रसासन द्वारा ऐसा कोई कड़ा कदम अब तक भी नही उठाया जा सका।
बर्बादी का यह खेल, घर फूँक तमाशा देखने जैसा
आईपीएल में सट्टेबाजी पूरी तरह से बर्बाद का खेल बन चुका है इस बात से इनकार नही किया जा सकता है, ओर बर्बाद युवा अब इस हद तक गिर रहे है कि किसी भी प्रकार से बस सट्टेबाजी जारी रखनी है, चाहे उसके लिए उन्हें अपने ही घर से पैसे या आभूषन ही क्यो ना चुराने पड़े, इससे भी ये नही कांपते है, ऐसे मामले भी पूर्व में सामने आ चुके है।
इससे जहाँ एक ओर ये बुकी अपना घर भरने के लिए दूसरों का घर फूँक रहे है वही क्षेत्र की बोली भाली जनता अब बस प्रसासन से ऐसे जघन्य अपराधों पर रोक लगाने की आस लगाए बैठी है।