मामराज मीणा
-देशभक्ति के रंग में डूबा प्रागपुरा ,
-सीआरपीएफ हैड कांस्टेबल लालचंद यादव को राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई
-असिस्टेंट कमांडर साजिल कुमार व इंस्पेक्टर श्योराम मीणा ने किया राष्ट्रीय ध्वज समर्पण
स्मार्ट हलचल|विराटनगर विधानसभा क्षेत्र के पावटा में राष्ट्रभक्ति और शौर्य की अद्वितीय मिसाल बने सीआरपीएफ हैड कांस्टेबल लालचंद यादव को शुक्रवार को उनके पैतृक गांव ढाणी माधोवाली (प्रागपुरा) में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। पूरा गांव शोक में डूबा हुआ था, लेकिन हर आंख में अपने सपूत के लिए गर्व भी छलक रहा था।
सुबह जैसे ही राष्ट्रीय ध्वज में लिपटा पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, “भारत माता की जय” और “लालचंद अमर रहें” के नारे गूंज उठे। माहौल देशभक्ति के रंग में सराबोर था — महिलाएं बुजुर्गों सहित सभी की आंखों में गर्व के आँसू थे।
शहीद के पुत्र राकेश यादव ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान पूरा गांव मौन श्रद्धांजलि में झुका रहा।
सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस प्रशासन ने पूरी शान से सलामी दी। असिस्टेंट कमांडर साजिल कुमार और इंस्पेक्टर श्योराम मीणा ने राष्ट्र की ओर से शहीद के पुत्र को राष्ट्रीय ध्वज समर्पित किया। वहीं, प्रागपुरा थाना प्रभारी कश्मीर सिंह ने मय जाप्ता मौके पर रहकर अंतिम संस्कार की व्यवस्थाओं को कुशलता से संभाला।
अंतिम यात्रा में सैकड़ों ग्रामीण, जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। मुख्य मार्गों से निकली तिरंगा यात्रा और डीजे वाहन रैली ने पूरे कस्बे को देशभक्ति के स्वर में पिरो दिया। “वंदे मातरम्” और “भारत माता की जय” के जयघोष के बीच जवान की अंतिम यात्रा गाँव के प्रत्येक कोने से होकर गुज़री।
इस अवसर पर पूर्व विधायक प्रतिनिधि राजेश गुर्जर, ब्लॉक कांग्रेस महामंत्री अजय सैनी, सामाजिक कार्यकर्ता ओ.पी. बायला, भाजपा नेता आशीष धनकड़, कांग्रेस नेता रामनिवास यादव, पार्षद प्रतिनिधि कैलाश गोठवाल, निर्मल पंसारी,योग गुरु पूरण मल यादव,राजेन्द्र यादव राजश्री,लालाराम जाजिम, हनुमान गोठवाल, उमेश कुमावत, दौलत सैनी, जेपी यादव, राजेंद्र यादव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि शहीद लालचंद यादव वर्तमान में दिल्ली में सीआरपीएफ हैड कांस्टेबल के पद पर तैनात थे। वे पिछले पांच माह से लीवर कैंसर से जूझ रहे थे और महात्मा गांधी हॉस्पिटल, सीतापुरा (जयपुर) में उपचाराधीन थे। 23 अक्टूबर, गुरुवार को लीवर फेल होने से उनका निधन हो गया।
चार भाइयों में तीसरे लालचंद यादव के पिता स्व. अमीलाल यादव किसान थे और उन्होंने ही अपने बेटे को देश सेवा के लिए प्रेरित किया था। उनकी माता स्व. नारायणी देवी का भी डेढ़ माह पूर्व निधन हो गया था। शहीद अपने पीछे पत्नी कमला देवी, पुत्र राकेश यादव और पुत्री मोना यादव को छोड़ गए हैं।
शहीद की मृत्यु से न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा प्रागपुरा कस्बा और जिला शोकाकुल है। गांव के लोगों ने कहा “लालचंद यादव केवल एक जवान नहीं थे, वे इस मिट्टी के सच्चे सपूत थे,


