प्रदेश में सत्ता बदली मगर नहीं बदला प्रशासनिक कार्य शैली का रिवाज,customs of administrative work style
हवा में लटके बूंदी जिला कलेक्टर व हिंडोली एसडीएम के आदेश,
8 दिन बाद भी पूर्ण नहीं हुई पट्टा प्रकरण मामले की जांच।
इस्लाम खान
हिंडोली पंचायत प्रशासन व वर्तमान नगर पालिका प्रशासन द्वारा अवैध पट्टा निर्माण के मामले को लेकर समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर पर संज्ञान लेते हुए। जिला कलेक्टर ने हिंडोली एसडीएम को उक्त मामले की जांच कर पूरे प्रकरण से अवगत करवाने के आदेश जारी किए गए। इसके पश्चात जिला कलेक्टर के निर्देशों की पालना करते हुए हिंडोली एसडीएम ने हिंडोली तहसीलदार को उक्त मामले में निर्देशित करते हुए पट्टा प्रकरण के मामले में तीन दिवस में जांच कर जांच उपलब्ध करवाने के निर्देश जारी कर दिए गए।यह आदेश 3 जनवरी 2024 को जारी किए गए। मगर आदेश जारी होने के 8 दिन गुजर जाने के बाद भी उक्त मामले की जांच पूर्णता को प्राप्त नहीं हुई।और इस संदर्भ में हिंडोली एसडीएम को जांच रिपोर्ट पेश नहीं हुई। जिसको जिला कलेक्टर को पेश किया जाना था। इससे तो ऐसा लगता है कि जिला कलेक्टर व एसडीएम के आदेश की पूर्ण अनदेखी परिलक्षित हो रही है। उक्त प्रकरण काफी समय से हिंडोलि क्षेत्र में आम जनता की चर्चा का विषय बना हुआ है जिसे भ्रष्टाचार की नजर से देखा जा रहा है मगर बार-बार मामले को विभिन्न सरकारी नियमों व अनदेखी का सहारा लेते हुए दरकिनार किया जाता रहा जब मामला कलेक्टर के संज्ञान में आया तो एसडीएम से रिपोर्ट मांगी मगर जिला कलेक्टर के आदेश भी शायद प्रशासन के लिए मायने नहीं रखते जिसके चलते जांच अभी भी हवा में लटकी हुई है क्या इस प्रकार के मामलों की जांच हो पाएगी। जिला कलेक्टर और एसडीएम के आदेश राजस्व विभाग के लिए मायने रखते हैं या नहीं यह तो वर्तमान कार्यशैली को देखकर लगता है कि शायद नहीं।
तो वहीं उक्त मामले के संदर्भ में जब हिंडोली तहसीलदार राम सिंह गुर्जर व एसडीएम कुलदीप सिंह शेखावत से दूरभाष के माध्यम से संपर्क किया। मगर अधिकारियों द्वारा फोन उठाकर किसी प्रकार का कोई जवाब नहीं दिया गया जिसके कारण उनका पक्ष पता नहीं चल पाया।